लद्दाख में औषधीय पौध उगाएगा हिमाचल

Update: 2023-09-13 10:17 GMT
शिमला। हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला लद्दाख में औषधीय पौधे विकसित करेगा। इसका क्रम केंद्र शासित प्रदेश में शुरू हो चुका है। संस्थान के निदेशक निदेशक डा. संदीप शर्मा ने बताया कि इस क्रम में लद्दाख के सोवा रिग्पा में जुनिपर पॉलीकाप्र्स (शुक्पा) की नर्सरी और पौधारोपण तकनीक का प्रशिक्षण शुरू किया है। इस मौके पर वैज्ञानिक डा. जगदीश सिंह ने हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में संस्थान में किए गए महत्त्वपूर्ण शोध पर प्रकाश डाला। महत्त्वपूर्ण औषधीय पौधे कडू और वनककड़ी की कृषिकरण तकनीक पर जानकारी दी। डा. सिंह ने प्रतिभागियों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विविधीकरण और टिकाऊ आय सृजन के लिए उच्च मूल्य वाले शीतोष्ण औषधीय पौधों की खेती तकनीकों के बारे में जानकारी दी।
किसानों को संस्थान की सफलता की कहानियां भी प्रस्तुत कीं। हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डा. संदीप शर्मा ने कहा कि संस्थान वन विभाग को माइकोराइजा उर्वरक की ट्रेनिंग दे रहा है। इससे पौधों में 20 से 30 प्रतिशत तक की अतिरिक्त ग्रोथ नर्सरी में देखी गई है। संस्थान इसी तर्ज पर भविष्य में वन विभाग, लद्दाख को भी ट्रेनिंग देगा। साथ ही बिलो (सैलिक्स) की रोग प्रतिरोधक प्रजातियों के चयन एवं मल्टीलोकेशन ट्रायल पर कार्य करेगा। उन्होंने उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक नर्सरी और पौधारोपण तकनीकों के बारे में भी बात की। मुख्यातिथि चीफ कंजर्वेटर ऑफ फोरेस्ट लेह सजाद हुसैन मुफ्ती ने लद्दाख के विभिन्न हितधारकों के लिए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए एचएफआरआई शिमला और सहयोगी भागीदारों के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि जूनिपर की लद्दाख क्षेत्र को बहुत आवश्यकता है।
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