Bilaspur. बिलासपुर। राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अब फिशिंग स्पोट्र्स को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। इसकी शुरुआत बिलासपुर की गोबिंदसागर झील से की जा रही है। पर्यटकों को आकर्षित करने को लेकर मत्स्य विभाग की ओर से बाकायदा पर्यटकों को पर्यटन फिशिंग के लाइसेंस जारी किए जाएंगे। झील के पर्यटकों से गुलजार होने से यहां इकोनोमिक ग्रोथ होगी। आगामी समय में बिलासपुर पूरे हिमाचल प्रदेश में पर्यटन का केंद्र बन जाएगा। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि महाशीर मछली न केवल अपनी स्वादिष्टता के लिए प्रसिद्ध है बल्कि यह स्पोट्र्स फिशिंग में भी अत्यधिक लोकप्रिय है जिससे इसका जलाशय में संचय एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यह कदम न केवल जलाशय में मछली की प्रजातियों की संख्या को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। आकर्षण
बल्कि इसे पर्यटन फिशिंग के क्षेत्र में भी एक नया आयाम देने का अवसर प्रदान करेगा। यहां बता दें कि यह पहल जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार द्वारा गोविंदसागर झील में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। मत्स्य निदेशालय में कार्यरत संयुक्त निदेशक पवन कुमार और सहायक निदेशक पंकज ठाकुर की उपस्थिति में महाशीर मछली के बीज गोविंद सागर झील में डाले गए। सहायक निदेशक पंकज ठाकुर ने बताया कि गोविंदसागर झील में मछली प्रजातियों की विविधता बनाए रखने के उद्देश्य से मच्छयाल महाशीर फार्म जोगिंदरनगर जिला मंडी से लाकर 15000 से अधिक महाशीर मछली के बीज डाले गए हैं। महाशीर मछली की संख्या हर वर्ष घट रही थी, जिससे उसकी कुल पकड़ मात्र दो प्रतिशत तक सिमट गई थी, इसलिए महाशीर मछली के बीजों का संचय किया है।