निगुलसरी में अवरुद्ध NH-5 की बहाली के लिए मंगवाईं उच्च तकनीक की ORC मशीनें
रिकांगपिओ। जिला किन्नौर के निगुलसरी के पास लगभग पिछले 86 घंटों से अवरुद्ध पड़े राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 की बहाली के लिए एनएच प्राधिकरण द्वारा दिन-रात कार्य किया जा रहा है परंतु पहाड़ी से रुक-रुक कर भूस्खलन होने से मार्ग को बहाल करना चुनौती बना हुआ है। वहीं भारत-तिब्बत सीमाओं को जोड़ने वाले राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 के अवरुद्ध होने से किन्नौर व स्पीति क्षेत्र देश-दुनिया से कटा हुआ है, जिससे किन्नौर व स्पीति क्षेत्र में पैट्रोल और डीजल की किल्लत शुरू होने के साथ-साथ रोजमर्रा के समान की कमी भी शुरू हो रही है।
रविवार को चौथे दिन अवरुद्ध हुए मार्ग के लगभग 400 मीटर हिस्से में से लगभग 300 मीटर हिस्से तक मार्ग को बहाल कर दिया गया है जबकि अभी भी लगभग 100 मीटर मार्ग को बहाल करना बाकी है। एनएच शीघ्र बहाल हो इसलिए राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी भी दिन-रात मौके पर डटे हैं। वहीं गत दिवस राजस्व मंत्री ने पटेल इंजीनियरिंग लुहरी प्रोजैक्ट व भारतीय सेना पूह से सामंजस्य स्थापित कर उच्च तकनीक की आरओसी मशीनें मंगवाईं जोकि मार्ग बहाली के कार्य में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि आरओसी मशीनों की कार्यकुशलता काफी बेहतर है, जिससे अवरुद्ध मार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने में मदद मिलेगी।
निगुलसरी में एनएच बंद होने से बागवानों की सेब की फसल का नुक्सान न हो इसके लिए बाया काजा सेब को मंडियों तक पहुंचाया जा रहा है। एसडीएम भावानगर बिमला ने बताया कि रविवार को टापरी से 15 सेब के ट्रकों को बाया काजा से मार्कीट के लिए रवाना किया है तथा और सेब ले जाने वाले ट्रकों के लिए पवारी व पूह के पैट्रोल पंप से डीजल दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि 2 तेल के टैंकर वाया काजा कल शाम तक पहुंच जाएंगे। वहीं राष्ट्रीय उच्च मार्ग विभाग के एसडीओ आनंद शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग को बहाल करने के लिए कार्य दिन-रात जारी है तथा इसके लिए 13 मशीनों व 40 मजदूरों के साथ दोनों तरफ युद्धस्तर पर कार्य जारी है लेकिन रुक-रुक कर भूस्खलन होने से मार्ग बहाली में कठिनाई आ रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग को बहाल होने में कम से कम 4 दिन का समय और लग सकता है।