हाईकोर्ट ने सरकार से कहा, कानूनी प्रक्रिया का पालन करें

मकान तोड़ने का मामला

Update: 2024-04-30 01:39 GMT

रांची। झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को गढ़वा के सीईओ की ओर से अशोक कुमार को जारी नोटिस के मामले में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के घर को बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए तोड़ा नहीं जा सकता। दरअसल, सीईओ ने प्रार्थी को चौबीस घंटे के भीतर अपने मकान के सभी दस्तावेज दिखाने को कहा था। साथ में यह भी कहा कि ऐसा नहीं कर पाने पर इसे अतिक्रमण माना जाएगा।

इस मामले में गढ़वा के अशोक कुमार ने याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार को लगता है कि आवास का निर्माण अवैध है और अतिक्रमण किया गया है, फिर भी कानून के अनुसार सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद ही कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही अदालत ने याचिका निष्पादित कर दी।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि 10 मार्च 2024 को गढ़वा के सीईओ ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर उन्हें मकान के सभी दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया। कहा गया कि कागजात पेश नहीं किए जाने पर अतिक्रमण माना जाएगा। प्रार्थी ने 11 मार्च को सभी कागजात सीईओ के पास जमा कर दिए। इसके बाद सर्किल इंस्पेक्टर और गढ़वा सदर पुलिस के साथ आवास पहुंचे। मकान की मापी की और लाल दाग लगा दिया। प्रार्थी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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