हाईकोर्ट ने TMC को दिया बड़ा झटका, जानिए क्या है पूरा मामला

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Update: 2023-07-31 18:07 GMT
कलकत्ता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अभिषेक बनर्जी को आदेश दिया कि वह पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के आवास का "घेराव" करने की अपनी योजना को आगे न बढ़ाएं क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर जनता प्रभावित होगी।
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि टीएमसी और भाजपा जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अपनी राजनीतिक लड़ाई लड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें इसमें जनता को अनावश्यक रूप से शामिल नहीं करना चाहिए। खंडपीठ बीजेपी नेता और राज्य के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस शिवगणनम ने मौखिक रूप से कहा, "हम समझते हैं कि यह एक राजनीतिक क्षेत्र है,एक राजनीतिक लड़ाई है और आप इसे उचित मंच पर लड़ें। आप अपनी सारी राजनीतिक कवायदें करें, लेकिन कृपया जनता को किनारे रख दें। लोगों को कार्यालय जाने दें, वकीलों को अदालतों में आने दें और निर्दोष वादियों के लिए बहस करने दें। इतने सारे जमानत, अग्रिम जमानत के मामले लंबित हैं और आप पूरी प्रक्रिया को रोक देना चाहते हैं।"
कोर्ट ने इस आश्वासन पर कि आम जनता विरोध से प्रभावित नहीं होगी, घेराव रोकने में राज्य की अनिच्छा पर भी आपत्ति जताई। चीफ जस्टिस ने राज्य की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी से पूछा, "मान लें कि अगर 2,000 व्यक्ति किसी स्थान का घेराव करते हैं, तो आप कैसे कह कह सकते हैं कि वहां कोई भी जनता प्रभावित नहीं होगी?"
हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उस अपील को भी तवज्जो नहीं दिया जिसमें बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि बीजेपी नेताओं के घरों से 100 मीटर की दूरी पर रहकर ही शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें। कोर्ट ने साफ तौर पर महाधिवक्ता को सहा कि 4 अगस्त को टीएमसी के प्रस्तावित विरोध की अनुमति नहीं दी जा सकती है। टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने 4 अगस्त को राज्य के 341 बीजेपी नेताओं के आवास का घेराव करने की योजना बनाई थी, जो अब धरी की धरी रह गई।
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