हाइकोर्ट ने बंदरों से निपटने के लिए बनाया पैनल, बैठक के बाद सामने आया ये प्लान
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बंदरों का आतंक जारी है. ऐसे में निगम कर्मियों को अब बंदरों को गिनने और पकड़ने की ट्रेनिंग दी जाएगी. दरअसल, भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India) बंदरों को गिनने और पकड़ने के लिए निगम कर्मियों को प्रशिक्षित करने के प्रस्ताव को तैयार करने में जुटा है.
इतना ही नहीं देहरादून स्थित बंदरों को पकड़ने वाले संस्थान से बाकायदा इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी. ये प्लान उस पैनल की बैठक के बाद निकला है, जिसमें हाइकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बंदरों की समस्या से निपटने के तरीके खोजने के लिए पैनल बनाया और इसमें भारतीय वन्यजीव संस्थान के अधिकारी भी शामिल थे.
साल 2018 में बंदरों की आबादी को कंट्रोल करने के लिए उन बंदरों के बंध्याकरण की योजना बनाई थी. लेकिन अब दिल्ली सरकार ने बंध्याकरण की योजना वापस ले ली है.
वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट गौरी मौलिकी ने कहा कि दशकों से बंदरों के घरों को उजाड़ कर इंसान ने घर बना लिया तो इनकी आबादी से निपटने का तरीका बंध्याकरण जैसी योजना न हो. इतना ही नहीं अधिकारियों ने बताया कि अब बंदरों के प्रजनन को रोकने के लिए गर्भनिरोधक टीका देने की योजना भी ठंडे बस्ते में ही रहेगी. जब तक उसके प्रभाव दीर्घकालिक असर का पुख्ता सबूत न मिल जाए.
दरअसल, पशुओं के अधिकार के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता दिल्ली में बंदरों के बंध्याकरण का लगातार विरोध कर रहे थे. इन लोगों ने हिमाचल प्रदेश और यूपी के आगरा में बंध्याकरण की असफलता का भी हवाला दिया था.