हाईकोर्ट ने दी गर्भपात की मंजूरी, महिला के गर्भ में ही इस दुलर्भ बीमारी से पीड़ित थे जुड़वा भ्रूण

दिल्ली हाईकोर्ट

Update: 2021-05-25 09:57 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महिला को 23 सप्ताह के जुड़वां भ्रूण समाप्त कराने की अनुमति प्रदान कर दी. एम्स के चिकित्सकीय बोर्ड ने अपनी सलाह में कहा था कि महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूणों में विकार हैं और जन्म के बाद शिशुओं में लंबे वक्त तक विकास संबंधी जटिलताएं रहेंगी. एम्स के चिकित्सकीय बोर्ड ने हाईकोर्ट से यह भी कहा कि गर्भावस्था के इस चरण में गर्भपात की प्रक्रिया में कोई 'खतरा नहीं' है.

बोर्ड की रिपोर्ट को देखते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने महिला को गर्भपात कराने की मंजूरी देते हुए उसकी याचिका का निपटरा कर दिया. अदालत में मंगलवार को हुई कार्यवाही के दौरान महिला और उसका पति दोनों मौजूद थे. महिला ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके गर्भ में पल रहे दोनों भ्रूण में 'डैंडी वॉकर मैलफॉरमेशन' नामक दुर्लभ विकार है और उसने गर्भपात की अनुमति देने की अदालत से गुहार लगाई थी.
याचिकाकर्ता और उसके पति ने याचिका में कहा था कि उनके डॉक्टरों का कहना है कि गर्भावस्था के 24 सप्ताह के बाद गर्भपात की सलाह नहीं दी जा सकती. इस पर अदालत ने एम्स से एक बोर्ड गठित करने ,महिला की जांच करने और 24 मई तक जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था.दंपति ने 20 मई को अदालत को यह भी बताया कि उन्हें इस विकार के बारे में 28 अप्रैल को पता चल गया था लेकिन उनके डॉक्टर इसकी पुष्टि के लिए और जांच करना चाहते थे और इसी वजह से याचिका दाखिल करने में उन्हें देरी हुई.
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