चम्बा के सुलतानपुर और कांगड़ा के पालमपुर में जल्द बनेंगे हैलीपोर्ट: मुख्यमंत्री
चम्बा। आकांक्षी जिला चम्बा में अक्सर कनैक्टीविटी की समस्या रहती है जिसके कारण जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रदेश सरकार यहां हैलीपोर्ट का निर्माण करवाएगी ताकि लोगों को सुविधा मिले। इस बारे में सदर विधायक नीरज नैय्यर के साथ भी चर्चा की गई थी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को चम्बा पहुंचने के बाद अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में हवाई सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसके चलते चम्बा के सुलतानपुर और कांगड़ा जिला के पालमपुर में हैलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। ऐसा करने से घरेलू और विदेशी पर्यटक इच्छानुसार पसंदीदा पर्यटन स्थल पर पहुंच सकेगा। हैलीपोर्ट के निर्माण से शिमला की दूरी कम हो जाएगी तथा हवाई उड़ान से 1 घंटे से भी कम समय में शिमला पहुंचा जा सकेगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। अब पर्यटन की दिशा में आगे बढऩे की जरूरत है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ाए। पर्यटकों के आवागमन के लक्ष्य की पूर्ति के लिए हवाई सेवा की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार जमीन भी मुहैया करवाएगी।
अगर किसी प्रभावित के पास मकान बनाने लायक जमीन नहीं है तो उसके लिए शहरी क्षेत्र में 2 बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्र में 3 बिस्वा जमीन मुहैया करवाई जाएगी। इसके लिए राजस्व विभाग की टीम रिपोर्ट बनाएगी। अगर किसी प्रभावित का कच्चा मकान या पक्का मकान प्रभावित हुआ है तो पहले जहां प्रदेश सरकार सिर्फ 60000 रुपए देती थी, लेकिन इसकी राशि को भी बढ़ा दिया जाएगा, ताकि आपदा से जो नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई की जा सके। सरकार पहले मकान बनाने के लिए 120000 रुपए की सहायता करती थी अब उसे बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा आपदा प्रभावित लोगों के लिए सीमैंट में भी विशेष प्रकार की छूट दी जाएगी। इसमें यह प्रयास रहेगा कि प्रभावितों को 280 से 290 रुपए सीमैंट की बोरी उपलब्ध हो जाए, ताकि घर के निर्माण में प्रभावित को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। प्रदेश में करीब 16000 परिवार आपदा के कारण प्रभावित हुए हैं इसके लिए सरकार सहायता के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। हैलीपोर्ट और हैलीपैड में एक बड़ा अंतर रहता है कि हैलीपैड पर केवल हैलीकॉप्टर उतर सकता है और उड़ान भी भर सकता है, जबकि हैलीपोर्ट में हवाई अड्डों जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। हैलीपोर्ट में सुरक्षा का प्रबंध रहता है और यहां पर 18 सीटर फिक्स पंख वाले एयर क्राफ्ट उतरने की सुविधा रहती है। वर्तमान में 11 सीटर हैलीकॉप्टर हैलीटैक्सी सुविधा प्रदान करता है। सामान्य तौर पर इसमें कई कारणों के चलते 6-8 लोगों को ही बिठाया जाता है।