बस्सी-झनियारा पंचायत में प्रधान पद के चुनाव रद्द करने से जुड़े मामले में सुनवाई
शिमला। जनवरी 2021 में हुए पंचायत चुनावों को डीसी हमीरपुर ने रद्द करने के आदेश जारी किए थे , जिसे पंचायत प्रधान रतन चंद ने हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में संभावित गंभीर परिणाम वाले आदेश जारी करने से पहले जिलाधीश हमीरपुर की उपस्थिति जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया संबंधित पंचायत चुनाव में नियमों की अनदेखी की गई। खासकर मत पत्रों की छपाई में नियमों की अनदेखी की गई। उल्लेखनीय है कि हमीरपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बस्सी झनियारा में जनवरी 2021 को पंचायत स्तर के चुनाव हुए थे। इन चुनावों में प्रधान पद के उम्मीदवार रहे अशोक कुमार ने एसडीएम हमीरपुर के पास चुनाव को रद्द करने की याचिका दायर की थी।
अशोक कुमार का आरोप था कि इन चुनावों में प्रधान पद के लिए छपे मतपत्रों की छपाई में नियमों की अनदेखी की गई। इस पद के लिए सात उम्मीदवारों ने पर्चे भरे थे। चुनाव के पश्चात अशोक कुमार वर्तमान प्रधान रतन चंद से महज 22 मतों से चुनाव हार गए थे। दो उम्मीदवार एक ही नाम के थे इसलिए इनके नाम के आगे नियमानुसार निक नेम अथवा उनके पिता का नाम मत पत्र में छपाया जाना चाहिए था परंतु इस मामले में ऐसा नहीं किया गया, जिसके कारण उनके मत इधर से उधर हो गए। एसडीएम कोर्ट ने प्रार्थी की याचिका को स्वीकारते हुए प्रधान पद के चुनाव को रद्द कर दिया था जिसे प्रधान रतन चंद ने डीसी हमीरपुर के समक्ष चुनौती दी गई थी। 23 मई 2023 को डीसी हमीरपुर ने अपील को खारिज कर दिया था। प्रधान रत्न चंद ने इन फैसलों को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी है और कोर्ट ने प्रधान पद को लेकर फिलहाल यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश पारित कर रखे हैं। मामले पर सुनवाई तीन अप्रैल को निर्धारित की गई है।