अरबों की ठगी का मिला हेडक्वार्टर, CBI और ED भी जांच में जुटीं... देश में मुकदमे दर्ज होना शुरू

साइबर अपराधियों की तरफ से पावर बैंक ऐप के जरिए ऑनलाइन ठगी का मामला 250 करोड़ रुपए से बढ़कर

Update: 2021-06-11 17:28 GMT

साइबर अपराधियों की तरफ से पावर बैंक ऐप के जरिए ऑनलाइन ठगी का मामला 250 करोड़ रुपए से बढ़कर अब 360 करोड़ का निकलकर सामने आ रहा है. महज दो महीने में 50 लाख हिंदुस्तानी नागरिकों से ये ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कराने वाले ठगों के इस मकड़जाल में अब देश के अन्य तमाम राज्यों की पुलिस भी घुस चुकी है. इस मामले का भांडाफोड़ दो-तीन दिन पहले जब उत्तराखंड राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने किया था, तब ये मामला 250 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी का मालूम पड़ रहा था. इस मामले में गुरुवार और शुक्रवार को भी उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और कर्नाटक पुलिस की छापेमारी जारी रही. कर्नाटक पुलिस की छापेमारी में 6 ठगों को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक राज्यों में भी इन ठगों का जाल फैला होने की पुष्टि हुई है, लिहाजा इन राज्यों में भी पुलिस ने कई मुकदमे दर्ज करके अपने-अपने स्तर पर ऑनलाइन ठगी के इस गिरोह को नेस्तनाबूद करने की कोशिशें तेज कर दी हैं. जांच में सीबीआई और ईडी की भी मदद ली जा रही है.

इन तमाम तथ्यों की पुष्टि शुक्रवार रात उत्तराखंड के एडिश्नल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (अपर पुलिस महानिदेशक) अभिनव कुमार ने की. उन्होंने बताया कि इस साइबर ठगी सिंडिकेट से जुड़ा एक मास्टरमाइंड पवन कुमार पांडे को राज्य एसटीएफ और साइबर क्राइम थाना पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में दो दिन पहले ही यूपी के नोएडा से गिरफ्तार किया था. पवन कुमार पांडे से मिली जानकारी के बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रहने वाले ठग प्रकाश बैरागी को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी ठग प्रकाश बैरागी Maojaza Technology और Sumypth Private Limited नाम की दो कंपनियों का डायरेक्टर है. इन दोनों ही कंपनियों की इस ठगी कांड में संलिप्तता पाई गई है. पता चला है कि इन दोनों कंपनियों के बैंक खातों में बीते कुछ ही वक्त में 57 करोड़ रुपए जमा मिले हैं. ये रकम पावर बैंक ऑनलाइन ठगी के जरिए लोगों से ऐंठी गई है. आरोपी प्रकाश बैरागी के खाते में भी पुलिस को 50 हजार रुपए मिले हैं. उन्हें भी फ्रीज करा दिया गया है.
हिंदुस्तान की तमाम एजेंसियां जांच में जुड़ी
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक ये गिरोह काफी बड़ी रकम क्रिप्टो करेंसी के जरिए चीन भी भेज चुका है, जिसके पुख्ता सबूत मिल चुके हैं. पावर बैंक एप को हांगकांग (चीन) से संचालित किए जाने के सबूत मिल चुके हैं. इस मामले की पड़ताल के दौरान अब तक हांगकांग के Xiaoxio Chen और चीन के Lin Xhin दो नाम निकलकर सामने आए हैं. उत्तराखंड के अपर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के मुताबिक बात सिर्फ राज्य या देश तक जुड़ी नहीं रह गई है, लिहाजा ऐसे में हमने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के साथ-साथ अन्य संबंधित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है ताकि इस इंटरनेशनल ऑनलाइन ठगी की जांच के दौरान किसी भी स्तर पर आपसी सामन्जस्य/समन्वय के स्तर पर हम कहीं न अटकें. एडिश्नल डायरेक्टर जनरल अभिनव कुमार के मुताबिक इस ठग कंपनी के 6 मास्टरमाइंडों को कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु से भी गिरफ्तार किया है. बेंगलुरु पुलिस ने अब तक पावर बैंक की मददगार 10 कंपनियों के निदेशकों सहित 13 संदिग्धों को खिलाफ मुकदमे दर्ज कर लिए हैं.
अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियां भी जुड़ेंगीं
अभिनव कुमार ने आगे कहा कि उत्तराखंड में इस ठग कंपनी के खिलाफ 4 और मामले दर्ज किए गए हैं. कंपनी से साथ जुड़े 8 बैंक खातों में जमा 30 लाख रुपए की रकम भी फ्रीज कर दी गई है. ये गैंग झांसे में आए लोगों से गूगल प्ले स्टोर से पावर बैंक एप डाउनलोड करने को कहता था. लालच देता था कि इस कंपनी के एकाउंट्स में ऑनलाइन रकम जमा कराने वालों को 15 दिन के अंदर उनकी रकम दोगुनी करके सौंप दी जाएगी. अब तक उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात में भी इस ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में मुकदमे दर्ज किए जाने की बात पता चली है. ये एक ऑनलाइन इंटनेशनल ठग कंपनी है, जिसका मुख्यालय चीन के हांगकांग में होना पाया गया है और इसीलिए देश की अन्य बड़ी जांच और संबंधित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को जोड़ने की जरूरत भी महसूस हुई. बेंगलुरु पुलिस ने जिन 6 लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से तीन नागाभूषण, सुकन्या और तिब्बत मूल के पेमा वांगमो उत्तराखंड के साइबर थाने में दर्ज मुकदमों में भी वांटेड मिले हैं. इन्हें उत्तराखंड राज्य पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर लाने की कोशिशों में जुटी है.
देश भर में लगने लगे शिकायतों के ढेर
उत्तराखंड पुलिस एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक 29 मई 2021 को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने भी मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस की तरफ से गिरफ्तार एक आरोपी अविक केडिया, उत्तराखंड के साइबर थाने में दर्ज मामले में भी आरोपी पाया गया है, उसे भी दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड पर लाने की योजना बन रही है. एडिश्नल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ने कहा कि मीडिया में इस खुलासे की खबरें आने के बाद देश भर में इस ठग कंपनी के खिलाफ शिकायतों के ढेर लगने शुरू हो गए हैं. अब तक सिर्फ उत्तराखंड राज्य में ही 55 शिकायतें मिल चुकी हैं. इन शिकायतों को वेरीफाई करने के बाद अब तक हमारे यहां 4 शिकायतों के आधार पर चार मुकदमे भी दर्ज किए जा चुके हैं. इस तरह से एक मुकदमा गुजरात में वहां की साइबर सेल की तरफ से दर्ज किए जाने की बात संज्ञान में आई है. उन्होंने आगे कहा कि अब तक हमें (उत्तराखंड पुलिस एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस) कई ऐसे ऐप की भी जानकारी हासिल हो चुकी है, जो एजेंट के बतौर इस ऑनलाइन साइबर ठग कंपनी का सहयोग कर रहे थे.


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