एचएयू का बाजरा हरियाणा के साथ-साथ अब अन्य प्रदेशों में भी लहराएगा परचम
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हिसार। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की उन्नत किस्में अब न केवल हरियाणा बल्कि देश के अन्य प्रदेशों में भी अपना परचम लहराएंगी। इसके लिए विश्वविद्यालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देते हुए गुजरात की नामी बीज कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर कम्बोज ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया शोध किसानों तक नहीं पहुंचेगा तब तक उसका कोई लाभ नहीं है। इसलिए इस तरह के समझौतों से विश्वविद्यालय का प्रयास है कि यहां विकसित उन्नत फसल किस्मों व तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा सके। उपरोक्त समझौते के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की उन्नत किस्म एचएचबी 299 का बीज तैयार कर कंपनी किसानों तक पहुंचाएगी ताकि किसानों को इस किस्म का विश्वसनीय बीज मिल सके और उनकी पैदावार में इजाफा हो सके।
गुजरात की बीज कंपनी, इंडो यूएस एग्रीसीड्स लिमिटेड, गांधीनगर के साथ बाजरे की किस्म एचएचबी 299 के लिए समझौता ज्ञापन पर एचएयू की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा ने जबकि कंपनी की तरफ से डायरेक्टर प्रियंका पटेल ने हस्ताक्षर किए हैं। इससे पहले भी बाजरे की इस किस्म के लिए मैसर्ज देव एग्रीटेक, गुरूग्राम, श्री सांइ सदगुरू सीड्स, हैदराबाद(तेलंगाना) तथा आंध्रप्रदेश की तीन बीज कंपनियों संपूर्ण सीड्स, मुरलीधर सीड कॉरपोरेशन व श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर बीज के साथ समझौता हो चुका है। समझौता ज्ञापन पर हस्तारक्षर होने के बाद अब कंपनी विश्वविद्यालय को लाइसेंस फीस अदा करेगी जिसके तहत उसे बीज का उत्पादन व विपणन करने का अधिकार प्राप्त होगा। इसके बाद किसानों को भी इस उन्नत किस्म का बीज मिल सकेगा। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते समय विश्वविद्यालय की मानव संसाधन निदेशालय की निदेशक डॉ. मंजु महता, बाजरा अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव, मीडिया एडवाइज़र डॉ. संदीप आर्य, बौद्धिक संपदा अधिकार इकाई के प्रभारी डॉ. विनोद कुमार, डॉ. देवव्रत, कुलपति सचिव कपिल अरोड़ा व कंपनी के प्रतिनिधि मौजूद रहे।