गुजरात सरकार को HC से मिली फटकार

Update: 2024-06-13 11:59 GMT

गुजरात gujarat news । गुजरात हाइकोर्ट Gujarat High Court ने राजकोट अग्निकांड Rajkot fire incident पर सरकार को फटकार लगाई है. SIT के अलावा विभागीय जांच के दिए आदेश गेम जोन की शुरुआत से अब तक कैसे चला? शहरी विकास विभाग को विभागीय जांच के दिए आदेश तीन सीनियर अधिकारियों की टीम को 15 दिन मेें फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट देनी होगी. इसके अलावा, नगरनिगम के अधिकारियों की क्या भूमिका रही, कौन-से अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. यह बताना होगा गुजरात हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान कहा कि मोरबी, हरिणी लेक और राजकोट दुर्घटना में स्थानीय नगर निगमों की लापरवाही सामने आई है, यह नगर निगम कैसे कम कर रहे हैं? इन्होंने सही काम किया होता तो यह दुर्घटनाएं नहीं होती.

कोर्ट ने कहा कि, 'सरकार का शहरी विकास विभाग इन सभी नगर निगमों की विभागीय जांच करें, क्या नगर निगमों ने सही तरीके से काम किया? जो भी जिम्मेदार हैं, उन सबके नाम फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में होने चाहिए. गेम ज़ोन जब से शुरू हुआ तब वहां पर जो भी अधिकारी गए थे उनको सब पता था, तो वह लोग क्या कर रहे थे? सरकार ने जो भी एक्शन लिए उसमें छोटे अधिकारियों को पकड़ा है या निलंबित किया. जो बड़ी मछलियां है उन पर कब करवाई होगी? उन्होंने अभी कहा कि अगर आप किसी को एक रूम अवैध तरीके से निर्माण करने देंगे तो वह दूसरे 10 रूम अवैध तरीके से बनाएगा, इसीलिए उन सभी की जिम्मेदारी तय होनी जरूरी है. गुजरात हाइकोर्ट ने शिक्षा विभाग को सभी स्कूलों की जांच के आदेश दिए हैं.

1 महीने में राज्य की सभी स्कूलों की जांच हो, उनके पास परमिशन है या नहीं, उनके पास फायर NOC और सिस्टम है या नहीं इसकी जांच के दिए आदेश. हाइकोर्ट ने कहा कि आग लगे तो कैसे बचना है इसके बारे मे बच्चों या स्कूलो को पता है? स्कूलो मे मोक ड्रिल नहीं होती, यह होनी जरूरी है. अगर आग लगती है तो वहां फायर टेंकर पहुंचे एसी जगह है? ईन सब की जांच होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा अधिकारियों मे डर नहीं रहा एसा लग रहा है. यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जब तक बड़े अधिकारियों पर कारवाई नहीं होगी तब तक बाकी अधिकारियों को समझ नहीं आएगा. हम म्युनिसिपल कमिश्नर को जिम्मेदार मानते है क्योंकि वह नगर निगम के मुखिया है. Gujarat

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