बड़ी कामयाबी: गुजरात ATS ने 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में अहमदाबाद से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया
नई दिल्ली: गुजरात एटीएस (Gujarat ATS) ने 1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले (Bombay serial blast) में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुंबई बम धमाकों के बाद ये सभी आरोपी विदेश भागने में कामयाब रहे थे और फर्जी पासपोर्ट पर अहमदाबाद आए थे. गुजरात एटीएस ने अबू बकर, यूसुफ भटाका, शोएब बाबा और सैयद कुरैशी को पकड़ने में कामयाबी पाई है (Bombay Serial Blast accused arrested). 12 मार्च, 1993 को शुक्रवार के दिन मुंबई में 12 सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 800 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी को गुजरात एटीएस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
1993 के मुंबई विस्फोट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम के मामले में हाल में केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि 2002 में गैंगस्टर अबू सलेम के प्रत्यर्पण के दौरान पुर्तगाल सरकार को दिए गए आश्वासन से न्यायपालिका स्वतंत्र है और यह कार्यपालिका पर निर्भर करता है कि वह उचित स्तर पर इस पर फैसला करे. पीठ ने गैंगस्टर अबू सलेम की एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें 1993 के मुंबई विस्फोट मामले में उसने अपनी उम्रकैद को चुनौती दी है. सलेम ने इस आधार पर चुनौती दी है कि उसकी सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती क्योंकि सरकार उस आश्वासन से बंधी है जो पुर्तगाल सरकार को उसके प्रत्यर्पण के लिए दिया गया था.
राष्ट्र की ओर से दिया गया आश्वासन न्यायपालिका पर नहीं थोपा जा सकता
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा, सरकार तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा पुर्तगाल सरकार को दिए गए आश्वासन से बंधी है और वह उचित समय पर इसका पालन करेगी. उन्होंने कहा, राष्ट्र की ओर से दिया गया यह आश्वासन न्यायपालिका पर थोपा नहीं जा सकता. कार्यपालिका उचित स्तर पर इस पर कार्रवाई करेगी. हम इस संबंध में आश्वासन से बंधे हैं। न्यायपालिका स्वतंत्र है, वह कानून के अनुसार आगे बढ़ सकती है.
गैंगस्टर अबू सलेम को 2015 में सुनाई गई थी आजीवन कारावास की सजा
विशेष टाडा अदालत ने 25 फरवरी, 2015 को 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की उनके ड्राइवर मेहंदी हसन के साथ हत्या के एक अन्य मामले में सलेम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वर्ष 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी सलेम को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. जून 2017 में, सलेम को दोषी ठहराया गया और बाद में मुंबई में 1993 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में उसकी भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.