Azamgarh. आजमगढ़। बुधवार को सिधारी क्षेत्र में नरौली के पास एक बड़ी और महत्वपूर्ण छापेमारी की गई, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। जीएसटी विभाग के अधिकारियों की एक टीम ने प्रताप एंटरप्राइजेज नामक प्रतिष्ठान पर धावा बोला, जो कोल्ड ड्रिंक, फ्रूट जूस, एनर्जी ड्रिंक और मिनरल वाटर जैसे उत्पादों का प्रमुख स्टॉकिस्ट है। इस कार्रवाई का नेतृत्व डीसी एसआईबी राजनाथ तिवारी कर रहे थे, जिनके साथ डिप्टी कमिश्नर विजय कुमार और राज्य कर अधिकारी श्रीराम सुरेश समेत अन्य अधिकारी भी शामिल थे।कार्रवाई की शुरुआत दोपहर में हुई, जब अधिकारियों ने गोदाम में प्रवेश किया और वहां मौजूद स्टॉक इन्वेंटरी की गहन जांच शुरू की। गोदाम के भीतर भंडारित सामान की मात्रा, गुणवत्ता और लेनदेन से संबंधित दस्तावेज़ों की जांच में अधिकारियों को कई अनियमितताएं मिलीं।
इस दौरान प्रतिष्ठान की बिक्री रसीदों और लेन-देन के रिकॉर्ड की भी बारीकी से जांच की गई।जांच के दौरान, अधिकारियों ने पाया कि गोदाम में स्टॉक की मात्रा और उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के बीच भारी असमानता थी। कर अपवंचन और अन्य वित्तीय गड़बड़ियों के संकेत मिलने पर अधिकारियों ने तुरंत 15 लाख रुपए जमा कराने का निर्देश दिया, जिसे प्रतिष्ठान के मालिकों ने तत्काल पालन किया। डीसीएसआईबी राजनाथ तिवारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में ही 15 लाख रुपए का कर बकाया पाया गया, जो तुरंत जमा कराया गया। इसके अलावा, अन्य गड़बड़ियों की भी जांच की जा रही है, जिससे 17 से 18 लाख रुपए के अतिरिक्त अर्थदंड लगने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच की प्रक्रिया अब भी जारी है और प्रतिष्ठान को अपने सभी वित्तीय दस्तावेज़ों के साथ जीएसटी कार्यालय में उपस्थित होकर जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।
जीएसटी टीम की यह कार्रवाई देर शाम तक चलती रही, जिसके कारण पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बना रहा। क्षेत्र के अन्य व्यापारियों के बीच भी इस छापेमारी को लेकर भय और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई। स्थानीय व्यापारियों ने इस घटना पर विभिन्न प्रकार की अटकलें लगानी शुरू कर दीं, और कई व्यापारियों ने अपने दस्तावेज़ों को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी।इस छापेमारी की घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जीएसटी विभाग कर अपवंचन के मामलों को लेकर बेहद गंभीर है और किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगा। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि भविष्य में भी ऐसी और छापेमारियां हो सकती हैं, जिससे व्यापारियों को समय रहते अपने वित्तीय रिकॉर्ड और कर संबंधित दायित्वों को सही करना आवश्यक हो गया है। इस कार्रवाई के बाद, क्षेत्र में जीएसटी नियमों के पालन के प्रति जागरूकता और सतर्कता बढ़ने की संभावना है, क्योंकि यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार कर अपवंचन के मामलों में सख्ती से निपटेगी।