पश्चिम बंगाल सरकार और प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच चल रही नूराकुश्ती अभी खत्म नहीं हुई है। इस बीच अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'राज्यपाल, भारतीय जनता पार्टी के सदस्य की तरह व्यवहार कर रहे हैं और वो सरकार को परेशान करना चाहते हैं। वो अब बीजेपी के द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा बन गए हैं। वो जनता के फैसले को कबूल करने के लिए तैयार नहीं हैं। वो ऐसे हालात बनाना चाहते हैं जहां से वो पिछले दरवाजे से आर्टिकल 355 या 356 के जरिए एंट्री हासिल कर सकें।' बता दें कि यह संविधान के यह आर्टिकल किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने से संबंधित हैं।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद प्रदेश भाजपा राजनीतिक हिंसा और अंदरुनी कलह से जूझ रही है। इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ दिल्ली दौरे पर हैं। यहां राज्यपाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि यह मुलाकात करीब 2 घंटे तक चली है। हालांकि, इस मुलाकात में क्या बातचीत हुई है? अभी यह जानकारी सामने नहीं आई है। इसके बाद अब राज्यपाल ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात की है।
राज्यपाल के इन ताबड़तोड़ मुलाकातों को देखने के बाद टीएमसी यह कह रही है कि बीजेपी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगवाना चाहती है। बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की बात सियासी गलियारे में इसलिए भी तैर रही है क्योंकि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने हाल ही में कहा है कि 'बंगाल में मौजूदा कानून व्यवस्था को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। जो सरकार 213 सीटें लाकर डेढ़ महीने पहले जनमत जीती हो वहां राष्ट्रपति शासन लगाना प्रथम दृष्टया अभी उचित नहीं लगता। लेकिन, हालात ऐसे ही हैं।'