Shimla. शिमला। न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण कर एक नई जिम्मेदारी संभाल ली है। यह शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया, जहां राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्य के मंत्रीगण, हाई कोर्ट के न्यायाधीश और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। जस्टिस संधावालिया इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और वहां के एक्टिंग चीफ जस्टिस का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम की सिफारिश पर उन्हें हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से बातचीत में जस्टिस संधावालिया ने हिमाचल के साथ अपने पुराने संबंधों का उल्लेख किया और राज्य के न्यायिक प्रणाली में सुधार और लंबित मामलों को तेजी से निपटाने का आश्वासन दिया। हिमाचल प्रदेश में अपराध दर अपेक्षाकृत कम है और वह यहां सभी को न्याय देने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
सर्विस मैटर ज्यादा हैं, कर्मचारियों को भी न्यायपालिका से उम्मीद रहती है और कॉमर्शियल डिस्प्यूट भी यहां आ रहे हैं। उनकी इच्छा है कि बुजुर्गों से संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें राहत दी जाए। नए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह तारीख पर तारीख देने के बजाय न्याय देने में भरोसा रखते हैं। उन्होंने कहा कि वह 22 साल वकालत कर चुके हैं और 13 साल से बेंच में हैं। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से हिमाचल हाई कोर्ट आना उनके लिए अपने घर आने जैसा है। हिमाचल हाई कोर्ट में सीनियर मोस्ट जज त्रिलोक सिंह चौहान है, जो डीएवी और लॉ कॉलेज में सहपाठी रहे हैं। इसलिए मिलकर काम करने में मजा आएगा। न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया ने एक सादे लेकिन गरिमापूर्ण समारोह में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के कारण राष्ट्रीय अशोक में तिरंगा आधा झुका हुआ है, इसलिए राष्ट्रगान नहीं हुआ। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने समारोह की औपचारिक कार्यवाही का संचालन करते हुए भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति पत्र पढ़ा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व जगत सिंह नेगी, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आदि मौजूद थे।