किसानों को वारंट जारी करने के मामले में सरकार का यू-टर्न, मंत्री बोले- कांग्रेस सरकार ने जारी किए थे, हमने रुकवाए

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Update: 2022-04-22 14:51 GMT

पंजाब: किसानों को वारंट जारी करने के मामले में विरोध का सामना कर रही भगवंत मान सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा ने आदेश देकर किसानों को जारी वारंट पर तत्काल रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि किसी किसान को वारंट जारी नहीं होगा। चीमा ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ वारंट जारी किए गए थे। हमने सभी वारंट रोकने के आदेश दिए हैं।

सरकार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 71 हजार किसानों से बैंकों के 3200 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है, जिसके लिए कदम उठाते हुए 60000 डिफाल्टर किसानों में से 2000 के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तैयार कर कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। सरकार के इस कदम से किसान संगठन भड़क गए थे, जबकि विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा था।
राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों को कर्ज वसूली के लिए सहकारी संस्थाओं से संबंधित धारा 67ए के तहत छूट दी है कि वह कर्ज की वसूली के लिए डिफाल्टर किसानों को गिरफ्तार करा सकते हैं। इस बीच, राज्य के कई इलाकों में सहकारी बैंकों ने डिफाल्टरों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
किसान संगठनों ने दी थी चेतावनी
संयुक्त समाज मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने डिफाल्टर किसानों की गिरफ्तारी का विरोध किया और कहा है कि आप सरकार ने सहकारी बैंकों के कर्जे की वसूली के लिए सहकारी संस्थानों को धारा 67-ए के तहत बैंकों को यह छूट दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में कई स्थानों पर डिफाल्टर किसानों की गिरफ्तारी शुरू हो चुकी है। किसान संगठनों ने पंजाब में सुरजीत सिंह बरनाला के मुख्यमंत्री काल में धारा 67-ए को निलंबित कराया था, जिसे अब फिर से लागू कर दिया है। अगर सरकार ने किसानों की गिरफ्तारी न रोकी तो उनका संगठन चुप नहीं बैठेगा।
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