PMAVE-G के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने उठाए ये कदम, 2020-21 में 50 लाख घरों को मंजूरी

लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को लेकर एक लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया।

Update: 2021-07-27 18:07 GMT

नई दिल्ली,  लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को लेकर एक लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि योजना के तहत 2020-21 के दौरान कुल 50 लाख, 09 हजार, 014 घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 34,00,006 पीएमएवाई-जी घरों के निर्माण कार्य को पूरा हो गया है।

पीएमएवाई-जी का लक्ष्य देश में पात्र ग्रामीण आबादी को 2.95 करोड़ घर उपलब्ध कराना है। ताकि सरकार के "सभी के लिए आवास" के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके। सरकार की इस योजना के लिए कोई आवेदन प्रक्रिया नहीं है, इसमें लाभार्थियों की पहचान सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के तहत निर्धारित आवास की कमी और मानदंडों के आधार पर की जाती है। इसके बाद ग्राम सभा और अपीलीय प्रक्रिया द्वारा उचित सत्यापन के बाद अंतिम आवास प्लस लिस्ट तैयार की जाती है। जिसके बाद अपात्र हितग्राहियों की रिमांडिंग, आवास स्वीकृत करने एवं धनराशि जारी करने की समस्त प्रक्रिया संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की जा रही है। इसके अलावा, घर के निर्माण की जिम्मेदारी स्वयं लाभार्थी की ही होती है।
योजना के कामकाज में सुधार को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय निम्नलिखित पहल कर रहा है:
1. घरों का निर्माण कार्य समय पर पूरा हो, ये सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय के स्तर पर प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही है।
2. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पीएमएवाई-जी के तहत स्वीकृत घरों को पूरा करने के लिए, काम में तेजी लाने का अनुरोध किया गया है। जिसमें से उन घरों के ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिनके लिए दूसरी और तीसरी किस्त जारी कर दी गई है।
3. मंत्रालय के स्तर पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पर्याप्त धन जारी करने के लिए लक्ष्य का समय पर आवंटन। साथ ही घर निर्माण के लिए पर्यावरण के अनुकूल और नवीन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना है।
4. ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन लाभार्थियों के लिए भूमि का प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए, राज्य के साथ नियमित अनुवर्ती कार्रवाई की जा रही है।
5. राज्यों के सामने आने वाले तकनीकी मुद्दों और अन्य बाधाओं का शीघ्र समाधान।
6. ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। जिससे प्रशिक्षित राजमिस्त्री की उपलब्धता में वृद्धि होगी और गुणवत्तापूर्ण घरों का निर्माण तेजी से होगा।
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