आशा वर्करों को 18 हजार न्यूनतम वेतन दे Government

Update: 2024-07-29 11:19 GMT
Bilaspur. बिलासपुर। आशा वर्कर कार्यकर्ता संघ जिला ईकाई ने समय पर मानदेय की अदायगी नहीं होने पर रोष जताया है। संघ का कहना है कि सरकार द्वरा एक ओर नाममात्र मानदेय दिया जा रहा है, तो दूसरी ओर इसका कोई समय निर्धारित नहीं है। जिसके चलते सरकार को मानदेय समय पर देने के साथ ही न्यूनतम वेतन 18 हजार दिया जाए या फिर नियमित करने को लेकर नीति बनाई जाए। रविवार को बिलासपुर में आयोजित आशा वर्कर कार्यकर्ता संघ जिला ईकाई के सम्मेलन में आशा वर्करों की समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। सम्मेलन में भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मदन राणा, आशा वर्कर संघ की प्रदेश प्रभारी सुमन चंदेल, महामंत्री शशी लता, जिला प्रधान नीलम
कुमारी सहित अन्य ने शिरकत की।

इस सम्मेलन के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि सरकार द्वारा इस वर्ग का शोषण बंद किया जाए। लंबे समय से समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार से गुहार लगाई जा ही है। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार गंभीर नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में आशा वर्करों को ऑनलाईन काम के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस कार्य को अंजाम भी दिया जा रहा है। लेकिन मोबाईल डाटा ही इस कार्य में पूरा हो रहा है। मोबाईल भी जबाव दे रहे हैं। कहा कि इन जितना कार्य इस वर्ग से लिया जा रहा है, अपेक्षानुसार मानदेय नहीं दिया जा रहा है। कोरोना काल में जब सभी लोग अपने घरों में थे तो उस समय आशा वर्कर कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों को सुविधा मुहैया करवाई। जान जोखिम में डालकर कार्य किया। लेकिन इसके बावजूद भी इस वर्ग की अनदेखी की जा रही है। इस दौरान मांग की गई कि आशा वर्करों के लिए स्थायी निति बनाकर नियमित किया जाए। इसके अलावा प्रदेश में आश फेसीलेटर की नियुक्ति की जाए।
Tags:    

Similar News

-->