सरकार ने बताया- 'पिछले 10 साल से स्विस बैंक में छिपाए गए काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं'
सरकार ने सोमवार को कहा कि पिछले 10 वर्ष से स्विस बैंक में छिपाए गए काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है।
सरकार ने सोमवार को कहा कि पिछले 10 वर्ष से स्विस बैंक में छिपाए गए काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। लोकसभा में विन्सेंट एच पाला के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में विदेशों में छिपाए गए काले धन को वापस लाने के लिए सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं जिनमें काला धन एवं कर अधिरोपण कानून को प्रभावी करना, विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करना आदि शामिल हैं।
चौधरी ने बताया कि इस साल 31 मई तक काला धन अधिनियम, 2015 की धारा 10(3)/10(4) के तहत 66 मामलों में निर्धारण आदेश जारी किए गए हैं जिसमें 8,216 करोड़ रुपए की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि एचएसबीसी मामलों में लगभग 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति को कर के अधीन लाया गया है और 1,294 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। आईसीआईजे (खोजी पत्रकारों का अंतरराष्ट्रीय संघ) मामलों में लगभग 11,010 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता चला है।
चौधरी ने कहा कि पनामा पेपर्स लीक मामलों में 20,078 करोड़ रुपए (लगभग) के अघोषित जमाधन का पता चला है। वहीं पेराडाइज पेपर्स लीक मामलों में लगभग 246 करोड़ रुपए के अघोषित जमाधन का पता चला है। गौरतलब है कि एचएसबीसी एक बहुराष्ट्रीय बैंकिंग और वित्तीय सेवा संगठन है, वहीं पनामा पेपर्स लीक मामले में भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख लोगों द्वारा कर चोरी के पनाहगाह माने जाने वाले देशों में काला धन छिपाने की बात सामने आई थी।