भारत सरकार ने नेपाल को 'मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट' का दिया तोहफा, कोरोना से निपटने में मिलेगी मदद

भारत ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए नेपाल को मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट उपहार में दिया.

Update: 2021-08-26 11:43 GMT

भारत ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए नेपाल को मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट उपहार में दिया. भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय में एक समारोह के दौरान स्वास्थ्य राज्य मंत्री उमेश श्रेष्ठ को 960 लीटर प्रति मिनट (LPM) मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट सौंपा. यह प्लांट बीपी कोइराला स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान (BPKIHS) में स्थापित किया गया है और इसे प्रति व्यक्ति 5 एलपीएम ऑक्सीजन देने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसकी कुल क्षमता 960 एलपीएम है.

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित DEBEL मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट में एक साथ 200 मरीजों की सेवा करने की क्षमता है. विनय मोहन क्वात्रा ने भारत और नेपाल के बीच गहरी और बहुआयामी साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह उपहार कोरोना महामारी से निपटने में नेपाल के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
'नेपाल के प्रयासों को मजबूत करेगा ये प्लांट'
विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि भारत सरकार नेपाल और वहां के लोगों के साथ महामारी से लड़ने और द्विपक्षीय संबंधों के अनुसार हर वक्त आवश्यक सहायता देने के लिए खड़ी रहेगी. वहीं, उमेश श्रेष्ठ ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य ढांचा है, जोकि कोरोना महामारी से निपटने में नेपाल के प्रयासों को मजबूत करेगा. कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन एक प्रमुख क्लीनिकल ​​गैस है.
भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है जिसने ऐसी तकनीक विकसित की है, जो एटमॉस्फेरिक एयर से सीधे ऑक्सीजन बनाने के लिए प्रेशर स्विंग एडोरेशन टेक्नोलॉजी और मोलेक्यूलर टेक्नेलोजी का उपयोग करती है. मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना से अस्पतालों को दुर्लभ ऑक्सीजन सिलेंडरों की निर्भरता से बचने में मदद मिलेगी. इससे सिलिंडरों के परिवहन के लॉजिस्टिक्स को कम करने में भी मदद मिलेगी।
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