सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर 31 मार्च के पहले कर ले ये काम, नहीं तो...
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मध्य प्रदेश में हर सरकारी-प्राइवेट डॉक्टर को जल्द ही एमपी मेडिकल काउंसिल (MP MEDICAL COUNCIL) में री-वेरिफिकेशन कराना जरूरी है. 31 मार्च तक ऑनलाइन री-वेरिफिकेशन की डेडलाइन है. इस तारीख तक री-वेरिफिकेशन न कराने वाले डॉक्टरों की प्रैक्टिस खतरे में पड़ सकती है. ऐसे में प्रदेश के प्रत्येक डॉक्टर को एमपी ऑनलाइन के जरिए एमपी मेडिकल काउंसिल में री- वेरिफिकेशन का आवेदन करना जरूरी होगा.
• ऐसे चिकित्सक जो मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल से प्रोविजनल पंजीकृत है और जिन्हें अन्य राज्य की स्टेट मेडिकल काउंसिल में पंजीयन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता है वे मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल से सम्पर्क करें. प्रोविजनल पंजीयन के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा नहीं है.
• प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन/परमानेंट रजिस्ट्रेशन/रेसिप्रोकल रजिस्ट्रेशन/एडिशनल/डुप्लीकेट परमानेन्ट और एडिशनल रजिस्ट्रेशन/एन.ओ.सी/गुड स्टैंडिंग सर्टिफिकेट (MPMC) के लिए आवेदक को यूजर प्रोफाइल (User Profile) के माध्यम से आवेदन ऑनलाईन ही प्रस्तुत करना होगा. यदि आवेदक का यूजर प्रोफाइल (User Profile) नहीं बना है तो आवेदक को यूजर प्रोफाइल क्रिएशन (User Profile Creation) पर जाकर पहले अपना यूजर प्रोफाइल बनाना होगा. यूजर प्रोफाइल में अपना सही मोबाइल नंबर ही दर्ज करे. यूजर प्रोफाइल में दर्ज किया गया मोबाइल नंबर ही आवेदक का यूजर आईडी होगा. उक्त मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओ.टी.पी. लॉगिन में दर्ज करना होगा.
• अपने यूजर प्रोफाइल (User Profile) में रजिस्ट्रेशन क्रमांक, अपना नाम और अन्य जानकारी वैसी ही दर्ज करें जैसा कि आपके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और अन्य अभिलेखों में अंकित है.
• आवेदक भुगतान करने के पूर्व अपने यूजर प्रोफाइल और आवेदन में संशोधन कर सकते हैं. भुगतान करने के उपरांत यूजर प्रोफाइल में कोई संशोधन नहीं होगा. यूजर प्रोफाइल में अपनी जानकारी सही-सही भरें. एक बार यूजर प्रोफाइल तैयार होने के उपरांत उसमें कोई भी संशोधन नहीं होगा.
• आवेदन में किसी प्रकार की त्रुटी/कमी होने पर सम्बंधित कॉलेज अथवा काउंसिल द्वारा आवेदन को सेंट बैक (sent back) कर दिया जायेगा. आवेदक अपने यूजर प्रोफाइल से आवेदन में संशोधन कर पुनः सबमिट कर सकते हैं.
हर डॉक्टर को अपना पुर्नसत्यापन कराना जरूरी
बताया जाता है कि एमपी मेडिकल काउंसिल में साल 1939 से करीब 56 हजार डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं लेकिन एक बार पंजीयन के बाद कभी इनका दोबारा सत्यापन नहीं कराया गया. जमीनी स्तर पर डॉक्टरों की संख्या 25 हजार के आसपास ही है. ऐसे में वास्तविक डॉक्टरों की सही जानकारी लेने और रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए एमपी मेडिकल काउंसिल ने री-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की है. इसमें हर डॉक्टर को अपना पुर्नसत्यापन कराना जरूरी है.
31 मार्च है अंतिम तारीख
मप्र मेडिकल काउंसिल ने डॉक्टरों का पूरा रिकॉर्ड साल 2019 से ऑनलाइन दर्ज करना शुरू किया है. मेडिकल काउंसिल के रजिस्टर में 56 हजार डॉक्टर दर्ज हैं लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड 40 फीसदी से भी कम डॉक्टरों का मिल पाया है. ऐसे में काउंसिल ने री-वेरिफिकेशन शुरू कराया है. फरवरी से यह प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसमें अब तक दो बार डेट बढ़ाई जा चुकी है. अब काउंसिल ने री-वेरिफिकेशन के लिए 31 मार्च की लास्ट डेट तय की है. अब तक मात्र एक हजार डॉक्टरों के री-वेरिफिकेशन के आवेदन आए हैं.
एमपी ऑनलाइन के जरिए मप्र मेडिकल काउंसिल की वेबसाइट पर यहां क्लिक कर यूजर प्रोफाइल क्रिएट करनी होगी. इसके बाद यदि डॉक्टर पहले से रजिस्टर्ड हैं तो री-वेरिफिकेशन का फाॅर्म ओपन हो जाएगा. इस फॉर्म में अपनी UG और PG की डिग्री के डॉक्यूमेंट्स और मांगे गए अन्य दस्तावेज अपलोड़ कर 50 रूपए पोर्टल चार्ज अदा कर फॉर्म सबमिट करना होगा. इसके बाद मेडिकल काउंसिल से सत्यापन के बाद नया रजिस्ट्रशन नंबर और नया सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा. जो डॉक्टर पहले से पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं हैं उन्हें नए सिरे से यूजर प्रोफाइल बनाकर रजिस्टर करना होगा.
मेडिकल काउंसिल री-वेरिफिकेशन के बाद डॉक्टरों के चालू मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी अपडेट कराएगा. इससे मप्र मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी होने वाले आदेशों और नोटिफिकेशन की जानकारी डॉक्टरों को मिलती रहेगी.