तेंदूए के 2 शावक को लेकर घर पहुंचा बकरी चरवाहा, फिर जो हुआ देखें वीडियो

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Update: 2023-07-15 01:00 GMT

हरियाणा। नूंह जिले के कोटला गांव में बकरी पालकों को तेंदुआ नस्ल के 2 शावक (बच्चे) मिले हैं। इसकी सूचना वन्य जीव जंतु विभाग को लगी तो टीम ने गांव पहुंचकर दोनों शावकों को अपने कब्जे में ले लिया। दोनों शावकों में एक नर व दूसरा मादा है। जानकारी के अनुसार नूंह के कोटला गांव में दो बकरी पालक अपनी बकरियों को चराने के लिए अरावली पर्वत में रोजाना की तरह लेकर जाते और शाम को फिर अपने घर वापस लेकर आते। गुरुवार को उन्हें दो तेंदुआ नस्ल के बच्चे मिले। लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम था कि यह किस जानवर के बच्चे हैं। इसलिए दोनों पशुपालक उन्हें अपने साथ लेकर आ गए। घर पहुंच कर बुजुर्गों को इसकी जानकारी दी। बुजुर्गों ने बताया कि यह तेंदुआ (चीता) नस्ल के आदमखोर जानवर के बच्चे हैं।

ग्रामीण साहून और सहरून ने बताया कि वह अपनी बकरियों को अरावली के पहाड़ों में चराते हैं। गुरुवार शाम को जब वह अपनी बकरियों को चरा कर वापस घर के लिए आ रहे थे तो उन्हें यह दोनों बच्चे दिखाई दिए। इनको वे अपने साथ ले आए। घर पर आकर उन्हें पता चला कि ये तेंदुआ के बच्चे हैं।

उन्होंने दोनों शावकों को बड़े प्यार से रखा और अपनी बकरियों का दूध पिलाया, ताकि वह भूखे ना रहे। वहीं जब यह खबर पूरे गांव में फैली तो इन दोनों शावकों को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई। समाजसेवी राजुदीन ने कहा कि जैसे ही उन्हें इनकी सूचना मिली तो उन्होंने वन विभाग को सूचना दे दी है। वन विभाग की टीम गुड़गांव व नूंह से पहुंची और टीम ने दोनों शावकों को अपने कब्जे में ले लिया।

बता दें कि अरावली पर्वत में अभी भी काफी जंगली जानवर देखने को मिलते हैं। यह जानवर उन्हीं लोगों को मिलते हैं जो लोग अपने पशुओं को अरावली पर्वत में चराने के लिए ले जाते हैं। वहीं सरकार भी अब अरावली पर्वत के कई हजार हिस्से में सफारी पार्क बनाने का विचार कर रही है। ताकि अरावली पर्वत में जंगली जानवरों के लिए एक सुरक्षित स्थान बन सके ताकि जंगली जानवर बच सके।


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