स्‍कूल में छात्राओं पर पेपर स्प्रे छिड़कने का मामला, अब आया ये अपडेट

Update: 2023-08-21 07:47 GMT
पणजी: उत्तरी गोवा के बिचोलिम में एक उच्च माध्यमिक स्‍कूल में छात्राओं पर पेपर स्प्रे छिड़कने के मामले में गोवा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (जीएससीपीसीआर) ने यह मांग की है कि आरोपी छात्रों का निलंबन रद्द किया जाए।
गुरुवार को उत्तरी गोवा के बिचोलिम में एक उच्च माध्यमिक स्‍कूल में पढ़ने वाली लगभग 11 छात्राओं पर स्‍कूल के ही छात्रों ने पेपर स्प्रे छिड़का था, जिसके बाद छात्राओं को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। स्‍कूल प्रबंधन ने इस मामले में आरोपी पांच छात्रों को एक महीने के लिए कक्षा से निलंबित कर दिया गया। जीएससीपीसीआर के चेयरपर्सन पीटर बोर्गेस ने आईएएनएस से बात करते हुए इन पांच छात्रों को दी गई सजा को 'कठोर' बताया। उन्होंने कहा, ''निलंबन रद्द करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र भेजा है।''
पत्र में लिखा, "आयोग समझता है कि यदि कोई छात्र दुर्व्यवहार करता है तो स्कूल को उचित प्रतिबंध लगाने का अधिकार है, लेकिन एक महीने के लिए निलंबन जैसी कार्रवाई से छात्रों के जीवन में पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।'' आगे लिखा, '' इन पांच छात्रों को दी गई सजा से वह खुद को अपमानित और अलग महसूस करेंगे। यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है। स्‍कूल प्रबंधन को चहिए कि वह छात्रों की मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान देने के साथ, बच्चे की मानवीय गरिमा का सम्मान करे। छात्रों को कई और जटिल तनावों का सामना करना पड़ता है, जिसे स्कूल प्रशासन को बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता है।''
पत्र में कहा गया, “दंडात्मक प्रक्रियाएं और अनुशासन प्रथाएं छात्रों को स्कूल से विमुख करने में योगदान कर सकती हैं जिससे स्कूल में नकारात्मक माहौल पैदा हो सकता है। एक प्रगतिशील अनुशासन दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो छात्रों को स्कूल में रहने और व्यवहार संबंधी मुद्दों के लिए आवश्यक सेवाएं प्राप्त करने की अनुमति दे।'' आगे कहा, ''बाल संरक्षण नीति छात्रों से अपेक्षित व्यवहार के मानक निर्धारित करेगी और यह भी रेखांकित करेगी कि यदि बच्चे का व्यवहार अपेक्षित मानकों से नीचे गिरता है तो स्कूल को क्‍या करना चहिए।''
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