गोवा विधानसभा चुनाव: शिवसेना और कांग्रेस में नहीं हो सका गठबंधन

Update: 2022-01-19 05:53 GMT

मुंबई: महाराष्ट्र के महा विकास अघाड़ी जैसा गठबंधन गोवा विधानसभा चुनाव में बनता नहीं दिख रहा है. शिवसेना के सीनियर नेता सजंय राउत ने कहा है कि हमने कोशिश की लेकिन कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि वे चुनाव में अपने दम पर बहुमत हासिल कर सरकार बना लेंगे. बता दें कि गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को एक चरण में वोटिंग होनी है. 10 मार्च को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.

गोवा विधानसभा चुनाव पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमने कांग्रेस के साथ चर्चा की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. शिवसेना और राकांपा ने गोवा में महाराष्ट्र की तरह 'महा विकास अघाड़ी' बनाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस नेताओं को लगता है कि वे अपने दम पर बहुमत हासिल कर सकते हैं.
इससे पहले 16 जनवरी को संजय राउत ने कहा था कि गोवा की राजनीति बडे पैमाने पर भू-माफिया के हाथों में है. शिवसेना गोवा की राजनीति आम लोगों के हाथों में देना चाहती है इसलिए शिवसेना गोवा में आम जनता में से उम्मीदवार उतारेगी.
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने संभावित गठबंधन पर चर्चा के लिए 3 जनवरी को गोवा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश गुंडू राव, गिरीश चोडनकर से मुलाकात की थी. बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि गोवा में भी महा विकास अघाड़ी की तरह गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेताओं से लंबी बातचीत हुई है.
बैठक के बाद संजय राउत ने एक फोटो शेयर की. साथ ही उन्होंने लिखा कि गोवा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रमुख नेता दिनेश गुंडू राव, दिगंबर कामत और गिरीश चोडनकर के साथ विस्तृत चर्चा की. इस दौरान जीवन कामत और जितेश कामत भी मौजूद रहे. गोवा में एमवीए (MVA) जैसे गठबंधन की संभावना पर विस्तार से चर्चा हुई.
40 सीटों वाले गोवा विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त हो रहा है. राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था. कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन सरकार नहीं बना सकी थी. बीजेपी ने 13 सीटें जीती थीं और एमजीपी, जीएफपी व दो निर्दलिय विधायकों के सहारे सरकार बनाने में सफल रही. मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन 17 मार्च 2019 को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद डॉ. प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बने.
गोवा का चुनाव 2022 के शुरू में होना है, लेकिन इस बार कांग्रेस और बीजेपी ही नहीं बल्कि ममता बनर्जी की टीएमसी और आम आदमी पार्टी भी अपनी किस्मत आजमाने उतरी हैं. बीजेपी गोवा में पिछले 10 सालों से सत्ता में है, जिसके चलते उसे सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पूरी ताकत झोंके हुए हैं. वहीं, कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए हाथ-पांव मार रही है, लेकिन टीएमसी उसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा बनी है. कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिए हैं. 2017 में आम आदमी भले ही खाता नहीं खोल सकी थी, लेकिन इस बार किंगमेकर बनने की जुगत में है.
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