मानवाधिकार न्याय आयोग का अध्यक्ष बताकर प्रोटोकॉल लेने वाला फ्रॉड गिरफ्तार, VIDEO

10वीं पास फ्रॉड अनस गिरफ्तार.

Update: 2025-01-01 12:26 GMT
गाजियाबाद: गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक 10वीं पास फ्रॉड अनस को गिरफ्तार किया है। वह खुद को यूपी मानवाधिकार न्याय आयोग और यूपी नीति आयोग का अध्यक्ष बताकर प्रोटोकॉल लेता था। आरोपी अमरोहा से प्रोटोकॉल भी ले चुका है।
गाजियाबाद के डीएम ने भी इसकी सुरक्षा के लिए पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा था। जिसकी जांच में यह खुलासा हुआ। उसके पास से अर्दली की कैप और पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड भी मिले हैं। पुलिस अब इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 8 नवंबर को जिलाधिकारी कार्यालय गाजियाबाद से अनस मलिक, अध्यक्ष मानव अधिकार न्याय आयोग, उत्तर प्रदेश, कार्यालय, पता 608 गोमतीनगर लखनऊ के दो दिवसीय मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, गाजियाबाद, नोएडा भ्रमण का कार्यक्रम जिला गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर को भेजा गया।
पत्र में अनस को एस्कॉर्ट, यातायात, सुरक्षा आदि की व्यवस्था समय से कराया जाने के बारे में लिखा गया था। इस पर अनस मलिक और उसके संलग्न भ्रमण कार्यक्रम की जांच कवि नगर थाना पुलिस ने की तो सारी सच्चाई सामने आ गई। पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि इससे पहले भी आरोपी इस प्रकार के एस्कॉर्ट और सुरक्षा की मांग कर चुका है एवं उसका दुरुपयोग कर धोखाधड़ी भी कर चुका है। जांच में पता चला कि पुलिस सुरक्षा लेकर आरोपी लोगों को यह दिखाता था कि वह उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च पद पर आसीन है। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया और बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।
उसके पास से एक कार बरामद की गई। इसके अलावा लेटरपैड, अर्दली का साफा, दो पुलिस भर्ती के एडमिट कार्ड भी बरामद हुए हैं। पूछताछ में अनस मलिक ने बताया है कि वह 10वीं पास है और पहले फोर सीलिंग का काम करता था। उसके बाद धीरे-धीरे क्षेत्रीय नेताओं के संपर्क में आया और उनकी पुलिस सुरक्षा, एस्कॉर्ट और अन्य सुविधाएं देखकर उसके मन में लालच आ गया।
आरोपी ने बताया कि उसने फर्जी कागजात बनवाकर खुद को अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया। इस फर्जी पहचान के जरिए आरोपी ने कई काम करवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था। यह भी पता चला है कि कुछ दिन पहले हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में भी आरोपी ने कई उम्मीदवारों को झांसा देकर एडमिट कार्ड और दूसरे कागजात लिए थे। अगर किसी की नौकरी अपनी मेरिट से लगती थी, तब भी आरोपी झांसा देकर मोटी रकम वसूलता था।
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