जापान के रनकोजी मंदिर में रखी सुभाष चंद्र बोस की अस्थियों का कराएं DNA टेस्ट, पोते सूर्य कुमार ने की मांग

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्मयी ढंग से लापता होने के 70 साल बाद भी उनके बारे में कोई खुलासा नहीं हो सका है।

Update: 2021-08-18 15:40 GMT

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्मयी ढंग से लापता होने के 70 साल बाद भी उनके बारे में कोई खुलासा नहीं हो सका है। अब उनके पोते सूर्य कुमार बोस ने मांग की है कि जापान के रनकोजी मंदिर में रखी अस्थियों का डीएनए टेस्ट कराया जाए। नेताजी 1945 में इसी दिन लापता हुए थे।

नेताजी के रहस्यमयी ढंग से लापता होने को लेकर कई इतिहासकारों का मानना है कि संभव है वह विमान हादसे में मारे गए हों, लेकिन जापान के एक मंदिर में रखी उनकी कथित अस्थियों को डीएनए टेस्ट के लिए वापस लाने की बार बार की जा रही मांग नहीं मानी जा रही है।
सुभाषचंद्र बोस के भतीजे सूर्य कुमार बोस ने मंगलवार को एक बयान जारी कर जापान के मंदिर में रखी अस्थियों का डीएनए टेस्ट कराने की फिर एक बार मांग की है। उनका कहना है कि इससे नेताजी के लापता होने के रहस्य से परत खुल सकेगी। नेताजी को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोग कहते हैं कि नेताजी गायब हो गए थे। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि विमान हादसे में नेताजी की मृत्यु नहीं हुई और वे मृत्यु होने तक गुमनाम रहे।
मंदिर के अधिकारी डीएनए जांच के पक्ष में नहीं
जर्मनी में रह रहे सूर्य कुमार बोस ने कहा कि करीब दो दशक पहले न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग की जांच के दौरान डीएनए जांच करने और नेताजी के अवशेषों को स्वेदश लाने के अवसर को खो दिया। मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक रेंकोजी मंदिर के अधिकारी नेताजी के कथित अवशेषों की डीएनए जांच की अनुमति देने को इच्छुक नहीं है। जबकि मंदिर के मुख्य पुजारी रेवरेंड निचिको मोचिजुकी ने वर्ष 2005 में तोक्यो स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर अस्थियों को लौटाने पर जोर दिया था।
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