गजेंद्र चौधरी की शिकायत अब प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुची

Update: 2022-12-08 15:09 GMT

एनसीआर नॉएडा: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) में 8 साल से बगैर चुनाव कराए खुद को एंप्लाइज असोसिएशन का अध्यक्ष बताने वाले गजेंद्र चौधरी की शिकायत अब प्रधनमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई है। गजेंद्र चौधरी ने गैरकानूनी ढंग से दो-दो प्लॉट आवंटन करवाए हैं और अपने परिवार के 10 लोगों को अथॉरिटी में नौकरियां दिलवाई हैं। मेरठ के रहने वाले नील कमल ने इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली कार्यालय में दर्ज कराई है।

पीएमओ ने मामला सीएमओ को भेजा: प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले में संज्ञान लेते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय को शिकायत भेजकर जांच करने को कहा है। मामला प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच जाने से ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में खलबली मची हुई है। शिकायत कर्ता नील कमल की ओर से प्रधानमंत्री कार्यायल में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया है कि गजेंद्र चौधरी 8 साल से बगैर चुनाव कराए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी एंप्लाईज असोसिएशन का अध्यक्ष बना बैठा है। गजेंद्र चौधरी अपने पद का दुरुपयोग करने में लगा हुआ है। गजेंद्र चौधरी ने पद का दुरुपयोग करते हुए दो प्लॉट आवंटन करा लिए हैं। दरअसल, अथॉरिटी में कार्यरत कर्मचारियों को एक आवासीय भूखंड निःशुल्क आवंटित किया जाता है।

अपना प्लॉट पिता को दिया, पत्नी को दूसरा प्लॉट दिलाया: पीएमओ को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि गजेंद्र चौधरी ने पहले 60 वर्ग मीटर का प्लॉट मार्केट से खरीदा। उसके बाद इस प्लॉट को स्टाफ कोटे में 200 वर्ग मीटर का कनर्वट करा लिया। बाद में इसी प्लॉट को अपने पिता के नाम ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद सेक्टर स्वर्ण नगरी में अपनी पत्नी के नाम पर दूसरा आवंटन हसिक किया। गजेंद्र सिंह की पत्नी अथॉरिटी में कार्यरत हैं। उसके नाम बी-133 सेक्टर स्वर्ण नगरी में 200 वर्ग मीटर का प्लॉट आंवटन कराया है। यह नियम का उल्लंघन है। अथॉरिटी का नियम है कि पती और पत्नी जब दोनों अथॉरिटी में नौकरी करते हैं तो केवल एक ही प्लॉट का आवंटन किया जाता है। जबकि गजेंद्र चौधरी ने दो-दो प्लॉट आवंटित करा लिए। यदि दो प्लॉट आवंटित हो जाते हैं तो एक प्लॉट को सरेंडर करना पड़ता है। लेकिन गजेंद्र चौधरी ने प्लॉट सरेंडर नहीं किया।

प्लॉट आवंटन और फर्जी नियुक्तियों की जांच की मांग: आरोप है कि गजेंद्र चौधरी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी पत्नी समेत अपने दो बेटे, दो भतीजे मनीष खारी, नवाब खारी, भतीजे की पत्नी मिथलेश, रिश्तेदार अमित कुमार भाटी, रितिक और लवांश भाटी को फर्जी तरीके से अथॉरिटी में नौकरी पर भर्ती कराया। नील कमल ने गजेंद्र चौधरी को आवंटित किए गए दो प्लॉट और फर्जी तरीके से नियुक्ति की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। गजेंद्र चौधरी अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है। तबादला नीति लागू है लेकिन इसके बावजूद तबादला नहीं हुआ है।

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