Rape: आज से शादी का झांसा देकर संबंध बनाने वाले अपराध को रेप से अलग अपराध माना जाएगा

1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं.

Update: 2024-07-01 05:04 GMT

नई दिल्ली: आज से यानी 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। अब आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) इंडियन एविडेंस ऐक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो गया है। पिछले साल ही संसद में इन तीनों कानून बन गए थे। अब नए कानूनों के लागू होने के साथ ही औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो गया है।

हत्या के लिए आईपीसी में धारा 302 थी जो कि बीएनएस में धारा 101 हो गई है। हत्या का प्रयास का मुकदमा जो धारा 307 के तहत दर्ज होता था, अब धारा 109 के तहत दर्ज होगा। गैर इरादतन हत्या के लिसए धारा 105 लागू होगी जो कि आईपीसी में धारा 304 थी। दहेज हत्या से जुड़ी धारा 80 होगी जो कि आईपीसी में धारा 304बी थी। चोरी के लिए अब धारा 303 में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। आईपीसी के तहत धारा 379 में चोरी का मुकदमा दर्ज होता था।
इसी तरह रेप की धारा 376 से बदलकर अब 64 हो गई है। छेड़छाड़ का मुकदमा धारा 74 के तहत दर्ज होगा। धोखाधड़ी का केस धारा 420 की जगह अब 318 के तहत दर्ज होगा। लापरवाही से मौत का मामला धारा 106 के अंतरगत आएगा जो कि पहले 304ए में आता था। आपराधिक षड्यंत्र के लिए धारा 120बी की जगह धारा 61 लागू होगी। मानहानि के लिए धारा 499, 500 की जगह अब 356 लागू होगी। लूट और डकैती के लिए क्रमशः धारा 309 और धारा 310 होगी।
> धारा 65 के तहत 16 साल से कम आयु की पीड़ित से दुष्कर्म किए जाने पर 20 साल का कठोर कारावास, उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान है. गैंगरेप में पीड़िता यदि वयस्क है तो अपराधी को आजीवन कारावास का प्रावधान है.
> 12 साल से कम उम्र की पीड़िता के साथ रेप पर अपराधी को न्यूनतम 20 साल की सजा, आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है. शादी का झांसा देकर संबंध बनाने वाले अपराध को रेप से अलग अपराध माना गया है. यानी उसे रेप की परिभाषा में नहीं रखा गया है.
> पीड़ित को उसके केस से जुड़े हर अपडेट की जानकारी हर स्तर पर उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए दी जाएगी. अपडेट देने की समय-सीमा 90 दिन निर्धारित की गई है.
> बता दें कि शादी का झूठा झांसा देकर 18 साल से ऊपर की महिला के साथ संबंध बनाना अब दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आएगा. इसके लिए नए कानून में बीएनएस की धारा-69 में अलग अपराध बनाया गया है. आसान भाषा में समझें, तो अगर कोई व्यक्ति किसी भी महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाता है, तो यह बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएगा.
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