1.26 करोड़ की ठगी, रिटायर सीएमओ के उड़ गए होश, कैसे बने निशाना?

आरोपियों के पास से दो लैपटाप, मैक बुक, टैबलेट, 10 एंड्रायड फोन, आठ चेक बुक, 4 पासबुक, 15 एटीएम कार्ड, तीन पासपोर्ट बरामद हुआ है।

Update: 2024-07-07 04:09 GMT
प्रयागराज: रिटायर सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा से ऑनलाइन ट्रेडिंग एप व व्हाट्सएप/टेलीग्राम के माध्यम से निवेश कर मोटा लाभ कमाने का झांसा देकर 1.26 करोड़ की ठगी मामले में साइबर क्राइम थाने की पुलिस टीम ने तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए शातिरों में शाबीना मोहम्मद, उसका पति मो. सुहेल पटेल निवासी आमीना मंजिल कबूतरखाना, रानडेर सूरत गुजरात और भाई सैयद अमीरद्दीन निवासी माहिरापार्क सोसायटी नियर साबरी नगर ऊन सूरत, गुजरात शामिल हैं।
डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के पास से दो लैपटाप, मैक बुक, टैबलेट, 10 एंड्रायड फोन, आठ चेक बुक, 4 पासबुक, 15 एटीएम कार्ड, तीन पासपोर्ट बरामद हुआ है। आरोपियों को सिविल लाइंस से पकड़ा गया है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि इनके सरगना दुबई, ताइवान आदि देशों में बैठकर ऑनलाइन माध्यम से विभिन्न राज्यों में अपने एजेंट बनाए हैं।
ये घूम-घूम कर बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटाते हैं और खाताधारकों को कुछ कमीशन का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं, फिर पूरी जानकारी इंटरनेट बैंकिग का आईडी पासवर्ड व्हाट्सएप/टेलीग्राम माध्यम से दुबई/ताइवान में बैठे मुख्य सरगना को शेयर कर दिया जाता है। उसके बाद मुख्य सरगना इन्वेस्टमेंट के नाम पर साइबर ठगी करके इन्हीं बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लेता है। गैंग के अन्य सदस्यों द्वारा उन पैसों को चेक व एटीएम से निकाल लिया जाता है। यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) को दुबई/ताइवान में बैठे मुख्य सरगना के वैलेट एड्रेस पर शातिर विदेशी मुद्रा हासिल कर लेते हैं।
शातिर म्यूल बैंक खाते में रकम मंगाते हैं। अन्य प्रांत के लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभ का लालच देकर उनके बैंक खाते का इस्तेमाल करते हैं।
पूछताछ में पता चला कि शबीना पांचवीं पास है। उसने साउथ अफ्रीका के एक युवक से शादी की थी। वह एनआरआई रही। इसके अलावा तीन बार सऊदी अरब जा चुकी है। कई देशों में रहने की वजह से वह हिंदी, अंग्रेजी, अरबी, उर्दू समेत कई भाषाओं की जानकार है। पहले पति से तलाक के बाद उसने दसवीं पास मोहम्मद सुहेल से शादी की। वह ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी में जुड़कर दो साल काम कर चुकी है। इसके बाद तीनों ने ऑनलाइन माध्यम से विदेश में बैठे सरगना से जुड़ गए। ठगी का धंधा करने लगे। बैंक से पैसा निकालते समय पकड़े गए शातिरों की पहचान की गई थी। इसके बाद इन्हें घेराबंदी कर पकड़ा गया। गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश में लगी है।
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