1500 करोड़ रुपए की ठगी, मामलें में हुआ बड़ा खुलासा

पुलिस की जांच जारी

Update: 2023-06-06 14:22 GMT
नोएडा। फर्जी कागजों के आधार पर कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कराकर 15 हजार करोड़ रुपये के जालसाजी मामले में अब एक और नया खुलासा हुआ है। नोएडा पुलिस को इस फर्जीवाड़े की जांच के दौरान सोमवार को आरोपियों के एक और ऑफिस का पता मिला है। यह ऑफिस दिल्ली के मयूर विहार में चल रहा था, जो फिलहाल बंद है। इस गिरोह का यह चौथा ऑफिस है। अब तक पुलिस को मधु विहार, शहादरा और पीतमपुरा के ऑफिस की जानकारी थी। आशंका जताई जा रही है कि इस गिरोह के अभी दिल्ली सहित कई शहरों में कई और ऑफिस हो सकते हैं। मयूर विहार के ऑफिस को जल्द ही सील करवाने की कार्रवाई की जाएगी। ऑफिस के आसपास रहने वाले लोगों को भी आरोपियों ने विश्वास में ले रखा था। इसके अलावा गिरफ्त में आए आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए नोएडा पुलिस ने सोमवार को संबंधित कोर्ट के समक्ष अर्जी लगा दी। पुलिस की ओर से आरोपियों की सात दिन की रिमांड मांगी गई है।
पीसीआर पर आरोपियों को लेने के लिए नोएडा पुलिस का तर्क है कि कई एजेंसियों के एक साथ मामले में शामिल होने से उसे पूछताछ के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। वहीं अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और रिकवरी के लिए पुलिस ने पुलिस कस्टडी रिमांड को आवश्यक बताया है। मामले की जांच के क्रम में एसटीएफ की टीम ने भी सोमवार को कई ठिकानों पर दबिश दी। एसटीएफ और नोएडा पुलिस मामले से जुड़ी हर जानकारी एक-दूसरे से साझा कर रही हैं। नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने बीते गुरुवार को 2660 फर्जी कंपनी बना जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराकर 15 हजार करोड़ से अधिक का फ्रॉड करने वाले एक अंतरराज्यीय रैकेट का खुलासा किया था। इन जालसाजों ने पिछले पांच साल से फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी रिफंड आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया था। पुलिस ने इस गिरोह में शामिल महिला समेत आठ जालसाजों को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में नोएडा पुलिस के साथ राज्य व केंद्र की जीएसटी टीम भी जांच कर रही हैं। डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि सोमवार को राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के अलावा यूपी के भी कई शहरों में पुलिस की आठ टीमों ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि कुछ माह पहले गुजरात में छह हजार करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला पकड़ा गया था। नोएडा में पकड़े गए आरोपियों और गुजरात में दबोचे गए आरोपियों का फर्जीवाड़ा करने का तरीका एक जैसा ही है। ऐसे में नोएडा पुलिस गुजरात में हुए घोटाले के आरोपियों के संबंधों की जानकारी जुटा रही है। अभी तक दोनों जगह के आरोपियों का सीधा संबंध निकलकर सामने नहीं आया है। गुजरात पुलिस इस मामले में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। नोएडा और गुजरात की पुलिस एक-दूसरे के संपर्क में है। दोनों जगह की पुलिस की दो बैठक भी हो चुकी है। गिरोह के पास से, जो 36 बैंक अकाउंट मिले थे, उसे लेकर कई जानकारी सोमवार को सामने आईं। इनमें से 11 अकाउंट में सबसे ज्यादा ट्रांजेक्शन हुई। खातों की जांच के क्रम में सोमवार को 25 लाख रुपये फ्रीज कराए गए। अन्य खातों की भी जांच की जा रही है। इस मामले की जांच में केंद्रीय एजेंसी भी जुट गई हैं। आईबी, केंद्रीय और राज्य जीएसटी, रेवेन्यू इंटेलिजेंस टीम की भी मामले पर पैनी नजर है। आरोपियों ने देश के हर राज्य के पते पर कंपनी खोली है और हजारों लोग फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं। खुलासे के बाद लोगों के लगातार फोन आ रहे हैं।
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