पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने एनके सिंह को सौंपी IEG के अध्यक्ष की जिम्‍मेदारी

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह को 16 अगस्‍त को आर्थिक विकास संस्थान (IEG) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है.

Update: 2021-08-19 11:39 GMT

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह को 16 अगस्‍त को आर्थिक विकास संस्थान (IEG) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है. देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह इस महीने की शुरुआत में ही आईईजी के अध्‍यक्ष पद से रिटायर हुए हैं, अब एनके सिंह उनकी जगह लेंगे.

बता दें कि मनमोहन सिंह ने स्‍वास्‍थ्‍य कारणों का हवाला देते हुए पद से हटने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी. उन्‍होंने कहा था, 'मेरी बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य के कारण मुझे कई सक्रिय कर्तव्यों से हटना पड़ रहा है. मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपको अब अगुवाई के लिए किसी दूसरे लीडर का साथ मिलना चाहिए. इसी बात को ध्यान में रखते हुए मेरे विश्वस्त एवं योग्य मित्र श्री एन.के. सिंह अब आईईजी सोसाइटी का नेतृत्‍व बतौर अध्‍यक्ष के तौर पर करेंगे.'
आईईजी उन्नत अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए एक स्वायत्त, बहु-विषयक केंद्र है, जिसकी स्थापना 1952 में प्रख्यात अर्थशास्त्री वीकेआरवी राव ने की थी. आईईजी का शोध नौ व्यापक विषयों में आता है, जिसमें कृषि और ग्रामीण विकास, पर्यावरण और संसाधन अर्थशास्त्र, वैश्वीकरण और व्यापार, उद्योग, श्रम और कल्याण, मैक्रो-आर्थिक नीति और मॉडलिंग, जनसंख्या और विकास, स्वास्थ्य बीमा और सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक संरचना शामिल हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था का घोड़ा सरपट दौड़ने को तैयार
कोरोना महामारी की वजह से देश की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई थी. महामारी की दो लहरों को झेलने के बाद धीरे-धीरे देश की आर्थिक स्थिति पटरी पर लौट रही है. अगर आप वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के जारी आंकड़ों को देखें तो पाएंगे कि भारत अब एक्सपोर्ट के जरिए तेजी से अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर बना रहा है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नए आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई महीने में देश का वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात पहले से बढ़कर 35.17 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. यह आंकड़े बीते 9 सालों के रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज हुए हैं.
दरअसल अब दुनियाभर के देश कोरोना की महामारी से उबर रहे हैं. यही वजह है कि विदेशी बाजारों में वस्तुओं की मांग काफी तेजी से बढ़ी है. जाहिर सी बात है जब मांग बढ़ती है तो निर्यातक देश निर्यात भी करते हैं. भारत भी उन्हीं निर्यातक देशों में शामिल है. अगर हम इन आंकड़ों की तुलना साल 2019 के आंकड़ों से करें तो पाएंगे कि इस वर्ष 34 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है. वहीं अगर पिछले साल के जुलाई के एक्सपोर्ट की तुलना इस साल के जुलाई महीने से करें तो पाएंगे कि 48 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है.
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