Hospice. धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री व सांसद किशन कपूर के शनिवार को निधन के बाद रविवार को उनके पैतृक गांव खनियारा के पटोला मैदान में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। कपूर की पार्थिव देह को उनके बेटे शास्वत कपूर ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में नेता विपक्ष जयराम ठाकुर, केबिनेट मंत्री चंद्र कुमार, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, उप सेचतक केवल सिंह पठानिया व प्रशासनिक अधिकारी व नेता मौजूद रहे। पुलिस विभाग की ओर से सलामी दी गई। बता दें कि किशन कपूर ब्रेन हेमरेज के चलते पीजीआई में उपचाराधीन थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 73 वर्ष के थे और पिछले काफी समय से बीमार थे। किशन कपूर का जन्म गांव खनियारा में 25 जून 1951 को पिता हरि राम और माता गुलाबो देवी के घर हुआ।
उनकी विवाह रेखा कपूर के साथ हुआ जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर सेवारत हैं। उनके दो बच्चे हैं, बेटे का नाम शाश्वत कपूर और बेटी का नाम प्रगति कपूर है। किशन कपूर की शिक्षा खनियारा और धर्मशाला में हुई थी। किशन कपूर तीन बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। एक बार लोकसभा सांसद रहे। धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते रहे और पांच बार विधायक रहे। उनके निधन से विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। किशन कपूर 1970 में जनसंघ के सदस्य बने और 1980 में भाजपा के गठन के बाद 1982 में धर्मशाला मंडल के अध्यक्ष बने। 1990 में वह पहली बार विधायक बने और 1993 में दूसरी बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। वे विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक रहे तथा 1995-97 तक वे जिला कांगड़ा के अध्यक्ष भी रहे। किशन कपूर का परिवहन एवं कानून मंत्री तथा खाद्य आपूर्ति एवं शहरी विकास मंत्री के रूप में प्रदेश के विकास कार्यों में अहम योगदान रहा है। 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में किशन कपूर ने कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और देशभर में रिकॉर्ड मार्जिन से जीत दर्ज की थी।