नई दिल्ली: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व विधायक साधु यादव को पटना के एमपीएमएलए कोर्ट ने तीन साल के कैद की सुनाई है।
गौरतलब है कि ये वही साधु यादव हैं, जिनकी लालू-राबड़ी राज में तूती बोलती थी। लालू के बिहार की सत्ता से बाहर जाने के बाद साधु के साथ बहन व जीजा के साथ रिश्ते बिगड़े तो वे राजनीति में अर्श से फर्श पर आ गए।
बिहार में लालू प्रसाद यादव एवं राबड़ी देवी की सरकार के दौर में राबड़ी देवी के भाई व लालू के साले अनिरुद्ध यादव उर्फ साधु यादव की बड़ी हैसियत थी। शासन-प्रशासन में उन्हें लालू व राबड़ी का दायां हाथ माना जाता था। यूं कहें कि तब साधु यादव की बात का अर्थ था लालू व राबड़ी का आदेश।
साधु को लालू ने विधान परिषद सदस्य व विधायक बनाया। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में साधु यादव गोपालगंज सीट से आरजेडी के सांसद भी बने। लालू ने अपने दूसरे साले सुभाष यादव को भी राजनीति में आगे बढ़ाया। लालू के दोनों सालों साधु व सुभाष की जोड़ी की धाक पूरे बिहार में थी।
लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने विवाह के बाद उनके मामा साधु यादव खुलकर बगावत पर उतर आए थे। उन्होंने तेजस्वी के पटना आने पर जूतों की माला से स्वागत करने की बात कही तो लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने मामा को अपनी हद में रहने, नहीं तो गर्दा छुड़ा देने की धमकी दी। साधु ने अपनी भाजियों, बहन राबड़ी देवी व जीजा लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था।