मारपीट मामले में पूर्व MLA अपराधी घोषित, कोर्ट ने भेजा जेल

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Update: 2021-09-10 13:00 GMT

समस्तीपुर। जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधायक रामबालक सिंह (Former JDU MLA Rambalak Singh) आर्म्स एक्ट के मामले में दोषी करार दिए गए हैं. समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय एमपी-एमएलए एडीजे 3 के कोर्ट ने उन्हें आर्म्स एक्ट (Arms Act) समेत अन्य मामलों में दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. रामबालक सिंह विभूतिपुर से विधायक रह चुके हैं. बता दें कि 4 जून, 2000 को विभूतिपुर में सीपीएम के नेता ललन सिंह (CPM Leader Lalan Singh) के साथ मारपीट के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. उनपर विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में सीपीआईएम नेता ललन सिंह के ऊपर हुए जानलेवा हमला करने का आरोप था.

आर्म्स एक्ट मामले में सुनवाई करते हुए जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव और पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. न्यायालय के द्वारा आगामी 13 सितंबर सोमवार के दिन सजा के बिंदु पर फैसला सुनाया जाएगा. पूर्व विधायक को दोषी करार दिए जाने की जानकारी मिलते ही उनके समर्थकों में मायूसी छा गई. पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुनील कुमार कर्ण ने बताया कि विभुतीपुर थाना कांड संख्या 62/2000 में हत्या करने की नीयत से फायरिंग करने के मामले में पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू को दोषी पाया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में अधिकतम 7 साल की सजा और कम से कम 3 साल की सजा न्यायालय द्वारा सुनाई जा सकती है.

वहीं, पीड़ित सीपीआईएम नेता ललन सिंह ने न्यायालय के द्वारा जदयू के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई को दोषी करार दिए जाने के मामले पर कहा कि 4 जून 2000 की घटना है. जब वह विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में एक शादी समारोह में भाग लेने गए थे तो उसी जगह रामबालक सिंह और उनके भाई के द्वारा मारने का प्रयास किया गया. लेकिन, वहां पर मौजूद लोगों के द्वारा बीच-बचाव कर उन्हें बचा लिया गया. उन्होंने बताया कि वे वहां से किसी तरह बच भी निकले लेकिन बाद में बाइक से पीछा कर रामबालक सिंह और उनके भाई ने उन्हें पकड़ लिया और उनके ऊपर गोली चला दी. इसमें वह जख्मी हो गए. वहीं, कोर्ट के द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधायक रामबालक सिंह ने कहा कि वह कोर्ट का पूरे सम्मान करते हैं. अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. उन्होंने पूरे घटनाक्रम को राजनीति से प्रेरित बताया.

मामले पर उनके वकील कर्मवीर कुमार ने बताया कि न्यायालय का जो भी फैसला आएगा वह उनका सम्मान करेंगे और उसके बाद वह ऊपरी अदालत में अपील करेंगे. दोषी करार दिए जाने के बाद अब विधायक समर्थक एवं आम लोगों की नजर 13 सितंबर यानी सोमवार के दिन पर है जब न्यायालय सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाएगी.

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