पहली बार अफसर से अपराधी की लिस्ट में शामिल हुआ ये मौजूदा IPS, कभी थे SP, जानिए क्यों हुआ ऐसा

क्राइम ब्रांच के साथ STF भी जांच में जुटी.

Update: 2020-12-14 08:38 GMT

फाइल फोटो 

लखनऊ: यूपी (UP) में फरार चल रहे कुख्यात बदमाशों की सूची में पहली बार एक मौजूदा IPS मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) का नाम भी शामिल हो गया है. व्यापारी की संदिग्ध मौत के मामले में फरार चल रहे मणिलाल पाटीदार पर इनाम बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. साथ ही उसकी गिरफ्तारी के लिए STF को भी तलाश में लगा दिया गया है.

फरार चल रहे हैं IPS मणिलाल पाटीदार
बता दें कि महोबा (Mahoba) के एसपी रहे IPS मणिलाल पाटीदार, इंस्पेक्टर देवेंद्र शुक्ला और कांस्टेबल अरुण यादव महोबा के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी (Indrakant Tripathi) की संदिग्ध मौत के बाद से फरार चल रहे हैं. तीनों के पेश न होने पर 15 नवंबर को लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था. इसके साथ ही शासन ने IPS मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) और कॉन्स्टेबल अरुण यादव को निलंबित कर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था.
क्राइम ब्रांच के साथ STF भी जांच में जुटी
यह इनाम घोषित होने के बावजूद IPS मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) अब तक पुलिस के सामने नहीं आए हैं. जिसके बाद उन पर इनामी राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है. साथ ही क्राइम ब्रांच के साथ ही यूपी STF को भी पाटीदार को पकड़ने के मिशन में लगाया गया है. मणिलाल पाटीदार को पकड़ने के इस अभियान की निगरानी यूपी पुलिस के ADG और IG कर रहे हैं.
कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत का मामला
बता दें कि महोबा के रहने वाले क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी (Indrakant Tripathi) को 8 सितंबर को गोली मारी गई थी. करीब 5 दिन तक इलाज के बाद उनकी मौत हो गई. अपनी मौत से पहले ही एक वीडियो के जरिए उन्होंने मणिलाल पाटीदार पर संगीन आरोप लगाते हुए अपनी हत्या की आशंका जताई थी. कारोबारी की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई थाने के तत्कालीन थानेदार समेत दो अन्य के खिलाफ हत्या और साजिश की एफआईआर दर्ज कराई थी.
व्यापारी से 6 लाख रुपये मांगने का आरोप
रविकांत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि IPS मणिलाल पाटीदार (Manilal Patidar) ने उनके भाई (Indrakant Tripathi) से कारोबार करने के लिए 6 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. मणिलाल ने धमकी दी थी कि यदि एक हफ्ते के अंदर रकम नहीं दी तो जान से मार दिया जाएगा या जेल भेज दिया जाएगा. जब उनके भाई ने मांग नहीं मानी तो उनकी गोली मारकर हत्या करवा दी गई.


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