Tapovan. तपोवन। हिमाचल विधानसभा का तपोवन परिसर के साथ 18 दिसंबर को एक और उपलब्धि जुड़ गई। तपोवन परिसर राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) से जुड़ गया है। विधानसभा के सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री ने नेवा का शुभारंभ किया। नेवा से जुडऩे के बाद हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही को देश के किसी भी हिस्से से देखा जा सकता है। नेवा के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि डिजिटल इंडिया का सपना 1985 में स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देखा था। प्रधानमंत्री बनने से पहले वह पायलट थे, इसलिए उन्होंने उस वक्त टेक्नोलॉजी की परिकल्पना की थी। आज जहां पूरा विश्व टेक्नोलॉजी के सहारे अद्भुत विकास कर रहा है, वहीं हमारा देश व प्रदेश भी पीछे नहीं है। मैं हिमाचल प्रदेश को टेक्नोलॉजी के मामले में अग्रणी राज्य मानता हूं। हमने जब ई-विधान प्रणाली सबसे पहले अपनाई तथा अन्य राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-विधान प्रणाली से हम प्रदेश स्तर पर थे, आज राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) को अपनाकर हम राष्ट्र स्तर पर पहुंच गए हैं।
अब हमारी विधान सभा की कार्यप्रणाली राष्ट्रीय स्तर पर भी देखी जा सकेगी। विधान सभा द्वारा पारित किए गए बिलों, राज्यपाल के अभिभाषण तथा विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने वाले बजट को राष्ट्र स्तर पर देख भी सकते है तथा उसका अध्ययन एवं मुल्यांकन भी कर सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया का यह प्रोजेक्ट अभी केवल तपोवन विधानसभा के लिए स्वीकृत हुआ है तथा विधान सभा सचिवालय ने शिमला विधान सभा के लिए भी डीपीआर तैयार कर भारतीय संसदीय कार्य मंत्रालय को भेजी है तथा यह विचाराधीन है। उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नेवा व्यवस्था लागू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने इसके लिए 8.13 करोड़ रुपए दिए हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा में पहला डिजिटल बजट 2020 को उन्होंने पेश किया था। जयराम ठाकुर ने उम्मीद जताई की ई-विधान की तर्ज पर नेवा का भी प्रदेश को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि ई-विधान जब लागू हुई, तो पर्यावरण को भी नुकसान होने से बचाया जा सका।