हिंदी को विकसित करने के लिए दूसरों पर थोपना मूर्खता- कमल हासन
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नई दिल्ली: भारत में मातृभाषा को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है. इसको लेकर राजनीति भी खूब की जा रही है. जहां एक तरफ उत्तर भारत के लोग हिंदी को मातृभाषा बता रहे हैं तो वहीं दक्षिण भारत के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच अब फिल्म अभिनेता कमल हासन भी इसमें आ गए हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए हिंदी को थोपे जाने को अज्ञानता बताते हुए इसका विरोध किया है.
दरअसल, कमल हासल ने केरल के सांसद जॉन ब्रिटास के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए तमिल भाषा में लिखा, "मातृभाषा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. अन्य भाषाओं को सीखना और प्रयोग करना व्यक्तिगत पसंद से होता है. ये 75 वर्षों से दक्षिण भारत की आवाज रही है. हिंदी को विकसित करने के लिए दूसरों पर थोपना मूर्खता है. जो थोपा जा रहा है उसका विरोध किया जाएगा."
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, "केरल उसी को दर्शाता है और यह आधे भारत के लिए एक कहावत है. चेतावनी पोंगल आ रहा है. ओह! क्षमा करें आपकी समझ के लिए "जागते रहो".
बता दें कि रविवार को सांसद में अपने भाषण का वीडियो ट्वीट करते हुए, हिंदी थोपने की आपकी नापाक मंशा इस देश को बर्बाद कर देगी. अगर सुंदर पिचाई IIT में हिंदी में परीक्षा देते तो क्या Google के शीर्ष पर होते?
कमल हासन ने रविवार को 12 तुगल लैन पर राहुल गांधी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई. दरअसल, कमल हासन दिल्ली में ही हैं. वह शनिवार को कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे. अब एक बार दोनों की मुलाकात हुई है. जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं.