ऑनलाइन कार बुकिंग के नाम पर ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार

Update: 2023-03-22 14:47 GMT

नॉएडा क्राइम न्यूज़: ऑनलाइन कार बुकिंग करने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ठगी के लिए आरोपियों ने एक फिशिंग वेबसाइट बनाई हुई थी, जिस पर बुकिंग करने वाले व्यक्ति का पूरा डाटा सेव हो जाता था। वेबसाइट पर सेव हुए डाटा की मदद से आरोपी ठगी को अंजाम देते थे। साइबर हेल्पलाइन मुख्यालय की टीम ने थाना सेक्टर 113 पुलिस के साथ मिलकर इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया है।

नोएडा जोन के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि साइबर हेल्प लाइन मुख्यालय की टीम ने थाना सेक्टर 113 पुलिस के साथ मिलकर समीर खान, सुनील नारंग, आकाश कुमार, आकाश वासन व अरबाज अली को गिरफ्तार किया। इनके पास से एक लैपटॉप, 5 मोबाइल फोन, 3 डेबिट कार्ड,43 हजार रूपये नगद बरामद हुए हैं।

किराये पर कार लेने वालों को बनाते थे शिकार: पकड़े गए आरोपी रेंट पर कार लेने के इच्छुक लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाते थे। आरोपियों ने किराए पर कार देने के लिए फिशिंग वेबसाइट www.mahalaxmicarrental.in बनाई हुई थी। इसका प्रचार गूगल ऐड के माध्यम से किया जाता था। आरोपी ग्राहकों को बुकिंग अमाउंट के लिए इसी वेबसाइट पर ट्रांजेक्शन कराते थे। फिशिंग वेबसाइट पर ट्रांजेक्शन के बहाने ग्राहकों के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, सीवीवी नंबर एक्सपायरी डेट आदि की डिटेल इन लोगों को मिल जाती थी। आरोपी ट्रांजेक्शन फेल होने की बात कहकर ग्राहक को दोबारा कॉल कर व्हाट्सएप के माध्यम से एपीके फाइल भेजकर महालक्ष्मी ऐप डाउनलोड करवाते थे।

ग्राहकों के मैसेज करते थे हैक: आरोपी झांसा देते थे कि यह ऐप डाउनलोड करने पर उन्हें बुकिंग में छूट मिलेगी। इनके द्वारा भेजी गई एपीके फाइल में एसएमएस फॉरवर्डिंग की स्क्रिप्ट होती थी जिससे ग्राहकों के मोबाइल पर आने वाले सभी एसएमएस आरोपियों को मिल जाते थे। इसके बाद यह उपभोक्ताओं के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, फोन पे, पेटीएम आदि पेमेंट गेटवे के माध्यम से पैसा निकाल कर फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर करा लेते थे।

सैकड़ों लोगों को लगा चुके हैं चूना: एडीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने नोएडा, दिल्ली एनसीआर सहित देशभर में इस तरह से ठगी की सैकड़ों वारदातों को अंजाम देकर लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया है। आरोपियों के खिलाफ थाना सेक्टर 113 में धोखाधड़ी, 66 आईटी एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है।

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