Fisheries ने खोले स्वरोजगार के द्वार

Update: 2024-08-12 12:28 GMT
Shimla. शिमला। मत्स्य पालन में ग्रामीण युवाओं के स्वरोजगार की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत मत्स्य विभाग द्वारा जनवरी, 2023 से जून, 2024 तक 682 युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। इस अवधि के दौरान 21022.62 मीट्रिक टन मछली उत्पादन किया गया। विभाग द्वारा लगभग 22 करोड़ 66 लाख रुपए से अधिक की राशि की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश में मत्स्य क्षेत्र में व्यय की जा रही हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 258 नए ट्राउट यूनिट, 20 मत्स्य कियोस्क, छह लघु व बड़े मत्स्य आहार संयंत्र, 47 बायोफ्लॉक यूनिट, दो कोल्ड स्टोर, दो बर्फ के कारखाने, चार पुन: जलीय कृषि प्रणाली, दो सजावटी मछली यूनिट तथा चार कार्य व ट्राउट हैचरी निजी क्षेत्र में स्थापित की गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की 2024-25 बजट भाषण की संकल्पना के तहत मत्स्य क्षेत्र को विस्तार प्रदान करने की दृष्टि से 25 हेक्टेयर क्षेत्र में नए तालाब निर्मित किए गए हैं। मत्स्य जीवियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के 428 मत्स्य जीवियों को नाव व जाल खरीदने के लिए उपदान सहायता प्रदान की गई है। मत्स्य व्यापार के लिए एक वातानुकूलित वाहन, आईस बॉक्स सहित 174 मोटरसाइकिल तथा आइस बॉक्स सहित 10 थ्री-व्हीलर मत्स्य कृषकों अथवा उद्यमियों को उपदान
सहायता प्रदान की गई है।

जलाशय मछली दोहन में लगे मछुआरों के आर्थिक उत्थान तथा सुरक्षा निधि के लिए आरंभ की गई कल्याणकारी योजनाओं के तहत मछुआरों को जीवन सुरक्षा निधि के अंतर्गत लाया गया है। योजना के अंतर्गत मृत्यु अथवा स्थायी दिव्यांगता में संतप्त परिवार को पांच लाख रुपए की राशि प्रदान की जाती है, जबकि प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित मछुआरों के लिए आपदा कोष योजना के अंतर्गत उपकरणों के नुकसान की भरपाई के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत प्रदान किया जाता है। रिस्क फंड योजना के अंतर्गत अभी तक 94 मछुआरों को 3 लाख 43 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई है। मत्स्य आखेट बंद के दौरान 4500 रुपए की दर से राशि मछुआरों के परिवारों के लिए आजीविका व पोषण संबंधी सहायता के लिए प्रदान की जाती है। जनवरी, 2023 से जून, 2024 तक 2675 जलाशय महागिरों को दो माह के बंद आखेट मत्स्य सीजन के दौरान एक करोड़ 20 लाख से अधिक की राशि वित्तीय सहायता सहायता के रूप में प्रदान की गई है। नदी मत्स्यपालन कार्यक्रम के अंतर्गत मत्स्य जैव विविधता को कायम रखने के उद्देश्य से प्रदेश की 32 विभिन्न नदी-नालों में मत्स्य विभाग द्वारा 44 लाख रुपए से अधिक की लागत से 15 लाख 43 हजार स्वदेशी मछली प्रजाति की उन्नत मछलियों का संग्रण किया गया।
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