रिश्वत लेने के 4 साल बाद बर्खास्त हुई महिला दरोगा, जानिए क्या था पूरा मामला

मांगी थी एक लाख रुपये की रिश्वत,

Update: 2021-12-21 05:15 GMT

इटावा. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा (Etawah) जिले के सैफई थाने में तैनात एक महिला दरोगा को 20000 रुपये की रिश्वत (Bribe) लेने के एक पुराने मामले में पुलिस सेवा (Police Service) से बर्खास्त (Terminated) कर दिया गया. इटावा के एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने महिला दरोगा को बर्खास्त करने की पुष्टि करते हुए बताया कि चार वर्ष पहले 2017 में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ी गई थीं. महिला दारोगा को विभागीय जांच पूरी होने के बाद दोषी मानते हुए बर्खास्त कर दिया गया. महिला दारोगा गीता यादव दो साल से सैफई थाने में तैनात थी. एसएसपी जय प्रकाश सिंह ने बताया कि गोरखपुर जिले के बांसगांव क्षेत्र के कौड़ीराम निवासी दारोगा गीता के खिलाफ वाराणसी जिले के शिवपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में उसे जेल भेजा गया था और विभागीय जांच शुरू हो गई थी. जमानत पर गीता यादव जेल से छूटी थी और तैनाती दोबारा विभाग में हो गई थी.

सैफई थाने में वह वर्ष 2019 से तैनात थी. अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध ने दरोगा गीता यादव को जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी की रिपोर्ट भेजी. जिस पर उसको बर्खास्त कर दिया गया है. कैंट रेलवे स्टेशन पर टीटीई पद पर कार्यरत वाराणसी जिले के शिवपुर क्षेत्र के भरलाई निवासी अभिषेक पाठक की पत्नी पूजा ने उन पर, बहन व मां के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा 27 जून, 2017 को दर्ज कराया था. मामले की जांच दरोगा गीता यादव कर रही थीं. अभिषेक ने विवाहिता बहन का नाम मुकदमे से हटाने की गुहार लगाई थी.
गीता ने एक लाख रुपये रिश्वत मांगी. मामला 80 हजार रुपये में तय हुआ. अभिषेक ने 30 हजार रुपये दे भी दिए. इसके बाद गीता बाकी रुपये देने का दबाव अभिषेक पर बनाने लगी और 16 नवंबर, 2017 को उसके घर जा कर धमकी दी थी. अभिषेक पाठक ने 18 नवंबर, 2017 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन से शिकायत की. इसके बाद योजना के अनुसार अभिषेक ने अगले ही दिन दरोगा को अपने घर 20 हजार रुपये देने के लिए बुलाया. भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने घूस लेते हुए उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था.

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