व्हाट्सएप को अपनी प्राइवेसी खत्म होने के डर, केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

तीन महीने पहले जारी की गई गाइडलाइन में वॉट्सऐप को अपने ऐप पर भेजे गए मैसेज के ओरिजिन की जानकारी अपने पास रखनी होगी

Update: 2021-05-26 17:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप केंद्र सरकार के नए IT नियमों के खिलाफ कोर्ट पहुंच गया है। तीन महीने पहले जारी की गई गाइडलाइन में वॉट्सऐप और उस जैसी कंपनियों को अपने मैसेजिंग ऐप पर भेजे गए मैसेज के ओरिजिन की जानकारी अपने पास रखनी होगी। सरकार के इसी नियम के खिलाफ कंपनी ने अब दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।


इलेक्ट्रानिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री ने भी वॉट्सऐप के आरोपों पर जवाब दिया। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार राइट टु प्राइवेसी का सम्मान करती है। सरकार का इसे नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है, जब वॉट्सऐप को किसी खास मैसेज के ओरिजिन का खुलासा करना जरूरी हो। ऐसी जरूरत सिर्फ उन्हीं केस में होती है, जब किसी खास मैसेज पर रोक जरूरी हो या सेक्शुअली एक्सप्लिक्ट कंटेंट जैसे गंभीर अपराधों की जांच और सजा का मसला हो।

गाइडलाइंस न मानना कानून की अवहेलना
मिनिस्ट्री ने अपने बयान में कहा है कि एक ओर वॉट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी को अनिवार्य बनाना चाहता है, जिसमें वह अपने यूजर का डेटा मूल कंपनी फेसबुक के साथ शेयर करना चाहता है। दूसरी ओर वह लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने और फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए जरूरी गाइडलाइंस को लागू न करने के लिए हर कोशिश करता है।

भारत में चलाए जा रहे कोई भी ऑपरेशन यहां के कानून के दायरे में आते हैं। वॉट्सऐप की ओर से गाइडलाइंस का पालन करने से इनकार करना साफ-साफ इसकी अवहेलना है। एक अहम सोशल मीडिया इंटरमीडियरी के रूप में वॉट्सऐप आईटी एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक सुरक्षा चाहता है। यह सही नहीं है। वे इससे बचना चाहते हैं।

वॉट्सऐप को प्राइवेसी खत्म होने का डर
उधर, कंपनी का कहना है कि सरकार के इस फैसले से लोगों की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने बताया कि मैसेजिंग ऐप से चैट को इस तरह से ट्रेस करना लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा। हमारे लिए यह वॉट्सऐप पर भेजे गए सारे मैसेज पर नजर रखने जैसा होगा, जिससे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का कोई औचित्य नहीं बचेगा।

सरकार से बात जारी रखेंगे : वॉट्सऐप
प्रवक्ता के मुताबिक, हम लगातार सिविल सोसायटी और दुनियाभर के विशेषज्ञों के साथ उन पहलुओं का विरोध करते आए हैं, जिससे यूजर की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। इस बीच हम मामले का समाधान निकालने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे।


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