AMU में नए वैरिएंट के फैलने की आशंका...18 प्रोफेसर समेत 40 कर्मचारी की कोरोना से मौत
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कोरोना का कहर
फाइल फोटो
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में कोरोना कहर बरपा रहा है. वहां पिछले 22 दिनों में स्टाफ के 40 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. जिनमें 18 मौजूदा प्रोफेसर भी शामिल हैं. अभी भी कई प्रोफेसर और स्टाफ में ऐसे लोग हैं, जो कोरोना संक्रमित हैं और कोई घर पर ही रहकर तो कोई अस्पताल में इलाज करवा रहा है.
इस बीच कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर भी आशंका जताई जाने लगी है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि ये जांच की जानी चाहिए कि कहीं ये कोरोना का नया वैरिएंट तो नहीं है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "ये बेहद दुखद और चिंताजनक है कि पिछले 20 दिनों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 18 सेवारत प्रोफेसर्स का कोरोना से निधन हो गया. इसकी जांच होनी चाहिए कि ये कोरोना वायरस का कोई नया वैरिएंट तो नहीं है. बने हुए हालातों में कोरोना से सम्बंधित हर पहलु को गंभीरता से लेना अत्यावश्यक है."
वहीं, एएमयू से जुड़े इतने लोगों की मौत के बाद प्रशासन न तो कुछ बोलने को तैयार है और न ही सही आंकड़ा देने को तैयार है. इस मामले पर जब अलीगढ़ के सीएमओ डॉ. भानुप्रताप कल्याणी से बात की तो उन्होंने बताया कि हालांकि सही आंकड़ा तो मेडिकल कॉलेज के लोग ही बता पाएंगे लेकिन समाचार पत्रों से और जो ग्रुप से पता चला है कि मेडिकल कॉलेज में काफी प्रोफेसर और कर्मचारियों की मौत हुई है. उसकी वजह तो ये वायरस ही है क्योंकि उसकी इंफेक्शन या बीमारी बढ़ाने की क्षमता ज्यादा है. पिछले साल इसकी क्षमता ज्यादा नहीं थी लेकिन इस बार उसकी क्षमता ज्यादा है. इसलिए डेथ या कैजुअलिटी का आंकड़ा बढ़ा है.
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अचानक से इतनी मौतों के बाद कोरोना के एक नए वैरिएंट की आशंका भी जताई जा रही है. इसके बाद एएमयू के वीसी प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कुछ सैम्पल नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी को भेजे हैं. ये सैम्पल इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च द्वारा चयनित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की कोविड लैब ने इकट्ठे किए थे.
इन सैम्पल के साथ प्रोफेसर मंसूर ने आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव को एक पत्र भी लिखा है. उन्होंने लिखा, "ये आपके ध्यान में लाया जाना है कि एएमयू शिक्षक, कई अन्य सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारी, जो विश्वविद्यालय परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में निवास कर रहे थे, उनकी कोरोना से मौत हो चुकी है. ऐसा माना जाता है कि विश्वविद्यालय से सटे सिविल लाइंस क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का वायरस फैल रहा है."