बीकानेर। बीकानेर अत्यधिक बारिश के बाद मच्छरों के लिए अनुकूल वातावरण के चलते प्रदेश भर में मच्छर जनित बीमारियों डेंगू-मलेरिया के फैलने की आशंका बढ़ गई है। जिले में भी हर क्षेत्र से डेंगू और मलेरिया के केस रिपोर्ट होने लगे हैं। श्रीकोलायत और बज्जू में पिछले दिनों जमा पानी के कारण मच्छर जनित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। जिले में अब तक साठ से ज्यादा मलेरिया रोगी सामने आए हैं, जबकि डेंगू के भी इक्का-दुक्का केस आ रहे हैं। आमतौर पर बीकानेर में अगस्त महीने से मलेरिया रोगी सामने आने शुरू हो जाते हैं जो सर्दी तक रहते हैं। इस बार बारिश का पानी जगह-जगह जमा था, ऐसे में हेल्थ डिपार्टमेंट रोगियों की संख्या बढ़ने से पहले रोकथाम की कोशिश में जुट गया है। सीएमएचओ डॉ. अबरार पंवार मंगलवार को अपने दलबल सहित ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर रहे। इस दौरान मुख्यतः कोडमदेसर के निकट डाईया गांव तथा गजनेर में मलेरिया-डेंगू नियंत्रण संबंधी गतिविधियों का जायजा लिया। उनके साथ एपिडेमियोलॉजिस्ट नीलम प्रताप सिंह राठौड़ व जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य मौजूद रहे।
डाईया में हाल ही में मलेरिया पॉजिटिव आए चौथी कक्षा के स्टूडेंट के घर व स्कूल जाकर जमीनी हाल जाना। इस दौरान सीएमएचओ ने स्कूली स्टूडेंट्स को एकत्र करके मलेरिया से लड़ने का तरीका बताया। मच्छरों को मारने के तरीके बताए और मलेरिया के लक्षण भी गिनाए। बच्चों को ये भी बताया गया कि मलेरिया का मच्छर कैसा होता है? सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गजनेर में संचालित निशुल्क जांच लैब में डेंगू-मलेरिया संबंधित हो रही जांचों का रिकार्ड देखा। डॉ अबरार ने निर्देश दिए कि सभी कर्मचारी गांव-गांव पहुंचकर मलेरिया रोगियों की पहचान करें और तुरंत इलाज दें। बड़े जल स्रोतों में गंबूसिया मछली डालकर प्रभावी नियंत्रण हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से कुशलक्षेम ली। इस अवसर पर अस्पताल प्रभारी डॉ दुर्गावती टाक, डॉ अंकिता सिंह, राजूराम, जोधसिंह, सीएचओ मोनिका आचार्य आदि मौजूद थे। सीएमएचओ डॉ अबरार ने मच्छर जनित रोगों के बढ़ने की आशंका के चलते सभी अस्पतालों को पुख़्ता तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में वार्ड व बेड भी आरक्षित किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल जस्सूसर गेट तथा जिला अस्पताल नोखा में एक-एक वार्ड आरक्षित किया जाएगा। उप जिला अस्पताल कोलायत, पूगल व श्रीडूंगरगढ़ में चार-चार बेड, सभी 20 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 2 बेड तथा 69 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक-एक बेड मच्छर जनित रोगों से संबंधित रोगियों हेतु आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं।