बिना बुलाए ग्रेडिंग सेंटर में गेहूं न लाएं किसान, खुद होंगे जिम्मेदार

Update: 2024-04-27 11:47 GMT
ऊना। हिमाचल प्रदेश का कृषि प्रधान जिला ऊना में गेहूं की फसल की कटाई युद्ध स्तर पर चल रही है। इसी के चलते कृषि विभाग ऊना के ग्रेडिंग सेंटर भी मई माह के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएंगे। कृषि विभाग ने जिला ऊना के किसानों को विशेष रूप से सचेत किया है कि पंजीकृत किसान अपनी-अपनी गेहूं की फसल विभागीय निर्र्देशानुसार ही ग्रेडिंग सेंटरों में लेकर आएं। अन्यथा अगर किसान बिना बुलाए ग्रेडिंग सेंटरों में गेहूं का बीज लेकर आते हैं और खराब मौसम में या अन्य कारणों के चलते फसल खराब होती है तो उसके जिम्मेदार किसान खुद होंगे। जिला ऊना में विभाग ने अंब के टकारला व ऊना के पेखूबेला में स्थापित किए हैं। इन गे्रडिंग सेंटरों के माध्यम कृषि विभाग हर वर्ष 14,000 से 15,000 क्विंटल गेहूं पंजीकृत किसानों से खरीदता है।

जिन्हें बाद में विभिन्न प्रकार के ट्रीटमेंट के बाद बीज के रूप में तैयार किया जाता है। बीते वर्ष किसानों को ए ग्रेड के बीज के लिए 3150 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का भाव मिला था। परंतु इस वर्ष अभी तक सरकार ने ए-ग्रेड के बीज के लिए मूल्य निर्धारित नहीं किया है। कृषि विभाग ने किसानों से आह्वान किया है कि पंजीकृत किसान फसल से पैदावार लेने के बाद गेहूं को अच्छी तरह से सूखाकर व साफ करने के बाद ही गे्रडिंग सेंटर टकारला व पेखूबेला में लेकर आएं। अन्यथा कृषि विभाग द्वारा किसानों की गेहूं की फसल को वापस कर दिया जाएगा या फिर फसल की गे्रड अच्छे नहीं मिल सकेंगे। कृषि विभाग के अनुसार हर वर्ष किसानों को बार-बार सचेत किया जाता है कि फसल को अच्छी तरह से सूखाकर और साफ करने के बाद ही लाएं। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिला ऊना में 35,514 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल की पैदावार होती है। जहां से प्रति वर्ष किसानों को 80 हजार मीट्रिक टन के करीब गेहूं की पैदावार होती है और करीब 8 लाख क्विंटल पशुचारा(तूड़ी) निकलती है। 35,514 हेक्टेयर भूमि में 20941 हेक्टेयर गैर सिंचित क्षेत्र व 14573 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र शामिल है। कटाई जोरों पर है।
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