किसानों को पसंद आई खेत तालाब योजना, लक्ष्य से दोगुना हुआ आवेदन

Update: 2023-09-17 12:23 GMT
राजसमंद। राजसमंद जिले के काश्तकारों को खेतों में बारिश का पानी एकत्र करने के लिए चलाई जा रही फार्म पौंड योजना भा गई है। स्थिति यह है कि इस वर्ष कृषि विभाग के पास फार्म पौंड बनाने के लिए लक्ष्य के मुकाबले दुगने आवेदन पहुंच गए हैं। इसके कारण विभाग के सामने भी समस्या खड़ी हो गई है। राज्य सरकार की ओर फार्म पौंड (खेत तलाई) योजना चलाई जा रही है। प्रदेश में कृषि विभाग को योजना के तहत खेतों में फार्म पौंड बनवाने का लक्ष्य दिया जाता है। इसके तहत इस वित्तीय वर्ष में विभाग ने जिले में 180 फार्म पौंड बनवाने का लक्ष्य दिया, लेकिन किसानों को फार्म पौंड योजना फायदेमंद लगने के कारण विभाग के पास 350 आवेदन पहुंच गए। विभाग ने इसमें छंटनी कर अब तक 189 की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी है। इसमें भी काम पूरा होने पर 26 का भुगतान कर दिया गया है। किसानों के जागरुक होने के कारण प्रतिवर्ष फार्म पौंड बनाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिले में सर्वाधिक फार्म पौंड का निर्माण रेलमगरा, देवगढ़, आमेट, खमनोर आदि स्थानों पर हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि कुंभलगढ़, राजसमंद, भीम आदि अधिकांश स्थान पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण काश्त छोटी है। इसके कारण यहां पर अधिकांश खेतों में सिंचाई के लिए कुएं आदि उपलब्ध नहीं है। इसके कारण भी फार्म पौंड योजना किसानों को पसंद आ रही है। पिछले साल भी जिले में 72 के करीब फार्म पौंड का निर्माण हुआ था। कृषि विभाग की ओर से सभी श्रेणी के किसानों को लागत का 60 प्रतिशत अनुदान मिलता है। कच्चे फार्म पौंड पर अधिकतम राशि 63 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास न्यूनतम कृषि योग्य भूमि 0.3 हेक्टेयर हो। प्लास्टिक लाइनिंग कार्य पर 90 हजार तक का अनुदान दिया जाता है। उक्त योजना के तहत किसान अपने-अपने खेतों में बारिश का पानी इक्ट्ठा करने के लिए फार्म पौंड का निर्माण करवाते हैं, ताकि जरूरत पडऩे पर उस पानी को खेती के इस्तेमाल में लाया जा सके। सरकार किसानों को दो तरह के फार्म तालाब बनाने के लिए आर्थिक सहयोग करती है। कच्चा तालाब, जिसमें लगभग 1200 घनमीटर तक पानी एकत्रित किया जा सकता है। फार्म पौंड कच्चा होने से भूमिगत जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी होती है। जिले में विभाग ने 180 फार्म पौंड निर्माण का टारगेट दिया था, इसके मुकाबले 350 आवेदन पहुंचे। विभाग ने छंटनी कर 189 की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी है। अब तक 26 का भुगतान किया जा चुका है।
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