किसानों ने जाने प्राकृतिक खेती के लाभ

Update: 2024-10-09 12:10 GMT
Bharmour. भरमौर। कृषि विभाग और आत्मा परियोजना की ओर से तुंदाह पंचायत में एकदिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस दौरान खंड तकनीकी प्रबंधक मुकेश कुमार और सहायक तकनीकी प्रबंधक बृजभूषण प्रेमी ने किसानों प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया। साथ ही देसी गाय के गोबर और गोमूत्र से बनने वाले घटकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लोगों को रासायनिक खेती से होने वाले नुकसानों और प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे बताया। साथ ही प्राकृतिक खेती के घटक जैसे जीवामृत, घन जीवामृत, खटटी लशी और अग्नि अस्तर इत्यादि की विस्तार से
जानकारी दी।


प्रदेश सरकार की ओर से प्राकृतिक खेती के अंतर्गत उगाई जाने वाली मक्की और गेंहू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण किया गया है। इसमें मक्की का तीस रुपए, गेंहू का मूल्य चालीस रुपए निर्धारित किया गया। साथ ही किसानों को आत्मा परियोजना के तहत दिए जाने वाले अनुदानों के बारे में बताया। साथ ही कृषि विभाग के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में भी बताया। तुंदाह पंचायत की प्रधान पिंकी देवी, उपप्रधान पाधा राम और बीडीसी मेंबर कंचु देवी ने शिविर आयोजन के लिए कृषि विभाग और आत्मा परियोजना के अधिकारियों का आभार जताया। जागरूकता शिविर में करीब सौ किसानों ने हिस्सा लिया।
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