सिरोही। सिरोही भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश कोठारी ने कहा कि आज जब किसान और आमजन को बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत है तब प्रदेशभर में बिजली का संकट खड़ा हो रखा है। यह सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा उदाहरण है। कोठारी ने कहा कि हालात यह है कि बिजली निगम के अभियंता तक सरकार के रवैये से खफा हैं। उन्हें भी अपने हक के लिए जयपुर में विरोध प्रदर्शन करना पड़ा तो गांवों में किसानों को बिजली के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। गांव-गांव में इन दिनों किसान बिजली निगम के जीएसएस के आगे प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। इसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसानों की यह स्थिति केवल जिले में ही नहीं, प्रदेशभर के किसान बिजली की कमी से जूझ रहे हैं। भाजपा ने कई बार बिजली के संकट को लेकर आंदोलन किए, लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं है वो तो कुंभकरणी नींद में सो रही है।
राजस्थान को बिजली की दृष्टि से आत्मनिर्भर करने की घोषणा करने वाली सरकार ने अब तक 6 बार बिजली दरों में बढ़ोतरी की है। साढ़े चार साल तक औसतन 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूलने वाली सरकार की ओर से 200 यूनिट प्रतिमाह फ्री बिजली करने की घोषणा भी भ्रमित करने का प्रयास है। कोठारी ने कहा कि वर्तमान में पीक ऑवर्स में प्रदेश में बदतर स्थिति है। बिजली की डिमांड 16 हजार 500 मेगावाट तक पहुंच गई है। वहीं, बिजली उपलब्धता महज 13 से 14 हजार मेगावाट है। इसका सबसे बड़ा कारण सरकार की अकर्मण्यता है।
कोठारी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से प्रदेश के 1 करोड़ 39 लाख बिजली उपभोक्ताओं को महंगी दरों पर बिजली देकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। वर्ष 2021 में 13 हजार 793 करोड़ तक की महंगी बिजली कंपनियों से खरीदी। इसका परिणाम आज सामने है। कोठारी ने सीएम गहलोत को घेरते हुए कहा कि जब कोयले का संकट है, तो इसको देखते हुए केन्द्र सरकार ने राज्यों को 6 प्रतिशत तक विदेश से कोयला खरीद करने की अनुमति दे रखी है। इसी की आड़ में प्रदेश की गहलोत सरकार फिर से महंगा कोयला खरीद रही है।