नहीं रहे मशहूर बाबा परमानंद, निसंतान महिलाओं को पुत्र रत्न का आशीर्वाद देने का करते दावा, भक्तों में शोक की लहर
आशीर्वाद लेने के लिए बड़े-बड़े नेताओं और उच्च स्तरीय अधिकारियों का भी जमावड़ा लगता था.
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में निसंतान महिलाओं को पुत्र रत्न का आशीर्वाद देने का दावा करने वाले बाबा परमानंद (Baba Parmanand) की हार्ट अटैक (heart attack) से मौत हो गई. साल 2016 में बाबा का अश्लील वीडियो सामने आया था, जिसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और इसके काले धंधों पर लगाम कसी गई. बीते कुछ दिनों से बाबा को जमानत मिली हुई थी.
जानकारी के अनुसार, बाबा परमानंद (Baba Parmanand) को लखनऊ के लारी अस्पताल (Lari Hospital Lucknow) में भर्ती कराया गया था, जहां बाबा की मौत हो गई. बता दें कि आश्रम में रोजाना बड़ी संख्या में देशभर से ही नहीं, बल्कि नेपाल और भूटान से भी महिलाएं आती थीं. बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए बड़े-बड़े नेताओं और उच्च स्तरीय अधिकारियों का भी जमावड़ा लगता था.
बाबा परमानंद का मूल नाम रामशंकर था. रामशंकर ने करीब 30 वर्ष पहले घर के एक कमरे में मूर्ति स्थापना की, फिर उसी में ढोलक और हारमोनियम लेकर तंत्र-मंत्र शुरू किया. शुरुआती दिनों में झाड़-फूंक करने के साथ ही वह संगीत थेरेपी से हर मर्ज का इलाज करने का दावा किया. अपने लोगों के माध्यम से फायदा होने का ढिंढोरा पिटवाने के चलते धीरे-धीरे लोगों की भीड़ बढ़ने लगी. कुछ वर्षों बाद आश्रम हर्रई धाम के नाम से जाना जाने लगा.
कुछ सालों में ही रामशंकर स्वामी परमानंद उर्फ शक्ति बाबा उर्फ कल्याणी गुरु के नाम से मशहूर हो गया. गेरुआ लबादा और सफेद दाढ़ी के बीच गले में मोटी मोटी मालाएं और हाथों की सभी अंगुलियों में अंगूठी पहनने वाले परमानंद के भक्तों की संख्या बढ़ने लगी.
बाबा ने निसंतान लोगों को आशीर्वाद से पुत्र रत्न की प्राप्ति की गारंटी देना शुरू कर दिया. बाबा के एजेंट इस बात को प्रमाणित कर नए-नए भक्तों को आश्रम तक लाने लगे. इसके बाद घर के बाहर गद्दी लगाने की जगह एसी कमरे में बैठकर आशीर्वाद देना शुरू कर दिया.
निसंतान महिलाओं को बाबा परमानंद ने नर्क में जाने और मुक्ति न मिलने का भय भी दिखाया था. इसके लिए आश्रम में बाकायदा बोर्ड लगा रखे थे. शनिवार से मंगलवार तक दरबार लगता था, जिसमें कई महिलाएं आकर बताती थीं कि उन्हें आशीर्वाद के बाद संतान प्राप्ति हुई है. परमानंद ने डाली चढ़ाने के नाम पर भी जमकर वसूली की थी. धीरे-धीरे भक्तों के साथ ही पुलिस, प्रशासन और राजनेता भी परमानंद का आशीर्वाद लेने दरबार में पहुंचने लगे थे.
इसके बाद साल 2016 में जब संगीत थेरेपी की आड़ में आश्रम में निसंतान महिलाओं के यौन शोषण का मामला सामने आ गया. राज खुलने के बाद से कथित बाबा फरार हो गया. बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. लंबे समय तक जेल में रहने के बाद बाबा को जमानत मिली थी. इन दिनों वह अपने घर पर था. तत्कालीन एसपी अब्दुल हमीद ने बाबा के ऊपर कई केस दर्ज किए थे.