राज्यपाल और मुख्य सचिव से जुड़ा फर्जी पत्र, मामले की जांच कर रही पुलिस
मचा हड़कंप.
बेंगलुरु: कर्नाटक पुलिस ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मुख्य सचिव से जुड़े फर्जी पत्र मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कथित तौर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मुख्य सचिव वंदिता शर्मा को लिखा गया पत्र, जिसमें कृषि मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया गया था, व्यापक रूप से प्रसारित हुआ। विपक्षी भाजपा और जद(एस) ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना की थी। लेकिन इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज होने से मामले में नया मोड़ आ गया है।
इस घटनाक्रम के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सरकार को "बदनाम" करने के लिए फर्जी पत्रों के प्रसार में उनकी भूमिका पर संदेह करते हुए विपक्षी भाजपा और जद (एस) पर हमला किया था। मांड्या जिले के कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वी.एस. अशोक ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराते हुए फर्जी पत्र के प्रसार की जांच की मांग की थी।
कांग्रेस विधायक रमेश बाबू बंडीसिद्दे गौड़ा, रविकुमार गौड़ा, एमएलसी मधु जी मेड गौड़ा, दिनेश गूलीगौड़ा ने भी इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनकी शिकायत में कहा गया है कि कृषि मंत्री पर विभाग में सहायक निदेशकों के माध्यम से पैसे की मांग करने का आरोप लगाने वाला पत्र वायरल हो गया है।
संयुक्त निदेशक अशोक ने शिकायत में कहा है कि उन्होंने सहायक निदेशकों से पूछताछ की और स्पष्ट किया कि उन्होंने राज्यपाल को कोई शिकायत नहीं दी है। सहायक निदेशकों ने दावा किया कि कोई उत्पीड़न नहीं हुआ था और गलत इरादों के साथ पूरे प्रकरण की योजना बनाई गई और उसे अंजाम दिया गया। शिकायतकर्ता ने पुलिस विभाग से आग्रह किया था कि उन लोगों का पता लगाया जाए, जो दुष्प्रचार कर विभाग को बदनाम कर रहे हैं। शिकायत में कहा गया है कि कृषि विभाग के सात सहायक निदेशकों के हस्ताक्षर फर्जी हैं। यह प्रतिनिधियों को ब्लैकमेल करने की सुनियोजित साजिश है।
पुलिस विभाग ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है। एडिशनल एसपी थिमैया ने मांड्या में कृषि विभाग के कार्यालय का दौरा किया और प्रारंभिक जानकारी जुटाई। कृषि विभाग के अधिकारियों के एक समूह द्वारा मंत्री चेलुवरायस्वामी के खिलाफ राज्यपाल को शिकायत देने की खबर व्यापक रूप से प्रसारित की गई थी।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि मंत्री वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से उनसे 6 से 8 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं और आग्रह किया गया है कि इसे रोका जाना चाहिए। पत्र में यह भी दावा किया गया है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे जहर खा लेंगे और अपने परिवार के सदस्यों के साथ मर जाएंगे। आम आदमी पार्टी (आप) की कर्नाटक इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन दासारी ने मांग की है कि मंत्री चेलुवरयास्वामी को तुरंत कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया है कि अधिकारियों द्वारा राज्यपाल को शिकायत देने और राज्यपाल द्वारा मंत्री चेलुवरायस्वामी के भ्रष्टाचार पर मुख्य सचिव को पत्र लिखने का पूरा प्रकरण फर्जी है। इस संबंध में जारी पत्र भी फर्जी पाए गए हैं। पत्र फर्जी पाए जाने पर भी सरकार मामले की जांच कराएगी। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि फर्जी पत्रों के आधार पर कांग्रेस सरकार पर हमले करने से यह संदेह पैदा हो गया है कि उन्होंने ही फर्जी पत्रों को तैयार किया है। “क्या तुमने इसे बनाया है या यह तुम्हारे भाई का काम है?” सिद्धारमैया ने परोक्ष रूप से पूर्व सीएम एच.डी. कुमारस्वामी का जिक्र करते हुए सवाल उठाया।
यह घटना राज्य के स्वामित्व वाले बस निगम से जुड़े एक बस कंडक्टर द्वारा जहर खाने की घटना के बाद आई है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मंत्री चेलुवरायस्वामी ने उसे निशाना बनाया था और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उसका तबादला करवा दिया था।